उत्तर प्रदेश

आठ दवाओं के नमूने फेल होने पर दवा निर्माता कंपनियों को नोटिस

Admindelhi1
12 April 2024 5:20 AM GMT
आठ दवाओं के नमूने फेल होने पर दवा निर्माता कंपनियों को नोटिस
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कंपनी को भी पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी जाएगी

गोरखपुर: ड्रग विभाग की जांच में एसिडिटी, एंटीबायोटिक व दिल की बीमारी के इलाज की आठ दवाओं के नमूने फेल होने का मामला खत्म नहीं हो रहा है. इस मामले में ड्रग विभाग ने जांच तेज कर दी है. आठ दवा व इंजेक्शन का सैंपल फेल हुआ है, उनकी निर्माता कंपनियों को नोटिस भेजा जाएगा. जिन दवाओं का सैंपल लिया गया था, उनके स्टाकिस्ट व बिल बाउचर का सत्यापन कराया जाएगा. कंपनी को भी पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी जाएगी.

दरअसल वित्तीय वर्ष 2023-24 में 197 दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे गए. तक इनमें से 144 दवाओं की रिपोर्ट मिली है. इनमें से आठ दवाओं के नमूने अधोमानक पाए गए हैं. मतलब यह है कि इनमें साल्ट की मात्रा निर्धारित मानक से कम है. अधोमानक पाई गई दवाओं में से चार एसिडिटी के इलाज में प्रयोग की जाती है. विभाग की जांच में रैबीटाइम डीएसआर, रैएबी डीएसआर, रेबिस्ट डीएसआर और राबीजोल डीएसआर के नमूने मानक पर खरे नहीं उतरे हैं. एंटीबायोटिक इंजेक्शन जेंटामाइसिन के नमूने फेल हुए हैं.

इसे सर्जरी के दौरान दिया जाता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बिगड़ने के कारण होने वाले आटोइम्यून बीमारियों में हाइड्रोकॉर्टिसोन स्टेरॉइड इंजेक्शन का नमूना फेल हुआ. हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप या ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में रक्तचाप नियंत्रण के लिए दी जाने वाली टेल्गोसाल 20 एमजी का नमूना भी फेल हुआ है. एंटीबायोटिक टेबलेट सिफाडॉक्स सीवी का नमूना भी मानक के मुताबिक नहीं मिला है. 136 दवाओं के नमूने मानक के मुताबिक मिले हैं. अभी भी 53 दवाओं के नमूनों की रिपोर्ट विभाग को नहीं मिली है.

दवा विक्रेताओं से मांगी गई है रसीद ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि जिन दवाओं के नमूने फेल हुए हैं, उनके संबंधित दुकानदारों से दवा खरीद से संबंधित रिकार्ड मांगे गए हैं. नमूने अधोमानक मिलने पर प्रशासनिक कार्रवाई, जबकि नकली होने के मामले में विधिक कार्रवाई होती है.

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