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बस्ती न्यूज़: राजस्व परिषद ने हर्रैया तहसील के नायब तहसीलदार कृष्णमोहन यादव के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. जांच के लिए शासन से अनु सचिव ने आयुक्त राजस्व परिषद के पत्र लिखा था. नायब तहसीलदार पर नियम विरुद्ध एकतरफा आदेश जारी करने का आरोप है. शासन, राजस्व परिषद व डीएम को दिए शिकायती पत्र में महेन्द्र तिवारी पुत्र शीतला प्रसाद नवासी करनपुर तहसील हर्रैया ने बताया कि उनका एक केस नायब तहसीलदार कप्तानगंज कृष्णमोहन यादव के कोर्ट में चल रहा था. केस में 93 तारीख पड़ी और कोई सुनवाई अथवा कार्रवाई नहीं हुई. आठ मई 2023 को तारीख थी. महेन्द्र तिवारी कोर्ट के समक्ष मौजूद रहे. पुकार होने पर वह अपने अधिवक्ता को बुलाने गए. अनुसचिव घनश्याम चतुर्वेदी ने आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद को प्रकरण की जांच कराने के लिए पत्र लिखा. आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद टीके शिबु ने डीएम बस्ती को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि अगस्त 1997 को जारी शासनादेश के अनुसार समक्ष अधिकारी की टीम बनाकर प्रकरण की जांच कराएं और आख्या शासन व आयुक्त को भेजें.
शासन ने ईओ नगर पालिका परिषद बस्ती को निलंबन की नोटिस दिया है. नगर विकास विभाग के विशेष सचिव की तरफ से ईओ को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर में तैनाती के दौरान दुकान निर्माण में गड़बड़ी की गई है.
विशेष सचिव नगर विकास विभाग धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि निदेशक नगर निकाय निदेशालय ने 28 दिसंबर 2022 के माध्यम ये यह बताया है कि नगर पालिका परिषद, सुलतानपुर के ट्रान्सपोर्ट नगर स्थित दुकानों के निर्माण कार्य में खराब गुणवत्ता पाई गई. एमबी, सम्बन्धित कार्य और कार्य के सुपरविजन में की गई कतिपय अनियमितता पर जांच कराया गया था. यह जांच संयुक्त विकास आयुक्त अयोध्या मण्डल अयोध्या ने किया था.
जांच अधिकारी की तरफ से दी गई आख्या में ईओ नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर दुर्गेश्वर त्रिपाठी को दोषी ठहराया गया. जांच आख्या के आधार पर डीएम सुल्तानपुर ने 29 जून 2021 को कार्रवाई की संस्तुति करते हुए निदेशालय को पत्र लिखा था. उसके बाद इस प्रकरण की प्राथमिक जांच सुनील कुमार यादव, उप निदेशक (प्रशिक्षण) नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लखनऊ को निर्देशित किया गया था.
उप निदेशक ने भी प्रकरण की प्राथमिक जांच की और जांच आख्या 20 दिसंबर 2022 को भेजा. उप निदेशक ने भी अपनी जांच ईओ को दोषी माना है. विशेष सचिव नगर विकास विभाग ने ईओ को दिए नोटिस में कहा है कि आपके निर्माण कार्य में गड़बड़ी के लिए क्यों न आपको निलम्बित करते हुए आपके विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही की जाए. उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत आपको मौका दिया जा रहा है. आप अपना स्पष्टीकरण एक पखवारे में प्रस्तुत करें.
यदि निर्धारित अवधि में आपका वांछित उत्तर अथवा स्पष्टीकरण शासन को प्राप्त नहीं होता है तो यह मान लिया जाएगा कि इस सम्बन्ध में आपको कुछ नहीं कहता है. उसके बाद संगत नियमों के तहत आपके मामले में गुण-दोष के आधार पर एक पक्षीय निर्णय ले लिया जाएगा.