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राजस्व वसूली कम होने पर ग्रामीण सर्किल में नोटिस जारी
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरशन का पूरा जोर राजस्व वसूली पर है. उपभोक्ता को दी गई विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष वसूली न होने पर निगम कार्रवाई से नहीं चूक रहा है. राजस्व वसूली कम होने पर ग्रामीण सर्किल के 38 अभियंताओं को नोटिस जारी किया है. मुख्य अभियंता ने स्पष्टीकरण मांगते हुए लक्ष्य के मुताबिक हर हाल में वसूली करने की चेतावनी दी. कहा कि ऐसा न करने वाले अभियंताओं की सूची तैयार की जा रही है.
सर्किल के मुख्य अभियंता हर माह राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे हैं. इसके साथ ही आपूर्ति, मरम्मतीकरण और विस्तारीकरण योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों पर भी पूरी मानीटरिंग कर रहे हैं. जोन छोटा होने के बाद मुख्य अभियंता हर बिंदुओं और बिजलीघरों के अभियंताओं से सीधा रूबरू हो रहे हैं. गत माह हुए समीक्षा बैठक में ग्रामीण इलाकों की राजस्व वसूली काफी गिरी हुई मिली.
ऐसे में चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार शर्मा ने अधीक्षण अभियंता से लेकर एक्सईएन तक को आड़े हाथों लिया और जमकर खरीखोटी सुनाई. हर दिन की ऑनलाइन समीक्षा भी की जा रही है. नाराज मुख्य अभियंता ने नौ एसडीओ, 25 अवर अभियंता और तीन अधिशाषी अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनमें डिवीजन तृतीय, चतुर्थ और षष्ठम के एक्सईएन शामिल हैं. कहा कि हर उपभोक्ता को मीटीर यूनिट आधारित बिल उपलब्ध कराया जाए. यदि किसी उपभोक्ता का मीटर खराब है तो उसे तत्काल बदला जाए. जिससे उसे सही बिल उपलब्ध हो सके.
44 हजार से अधिक किसानों का बिल किया जाएगा माफ
प्रदेश सरकार ने किसानों के निजी नलकूपों का बिल माफ कर दिया है. बिजली बिल माफी योजना के तहत अलीगढ़ जिल में 44805 हजार किसानों का 77.19 करोड़ रुपये बिजली बिल माफ होगा. विद्युत विभाग ने 71.9 करोड़ रुपये का बिजली बिल किसानों को जारी किया था. अप्रैल 2023 से लेकर 2024 तक के लिए यह लागू किया गया है.
बिजली बिल माफी योजना को लेकर लखनऊ में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका सजीव प्रसारण विकास भवन के सभागार में किया गया. स्थानीय स्तर पर जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह, एमएलसी चौ. ऋषिपाल सिंह, छर्रा विधायक रवेंद्र पाल सिंह व प्रशासनिक अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे. जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को सिंचाई की बिजली मुफ्त होने से उनकी खेती की लागत घटेगी. इस फैसले से किसानों की आय बढ़ाने की सरकार की कोशिशों को बल मिलेगा. सजीव प्रसारण कार्यक्रम में सैकड़ों किसानों को बुलाया गया था और उन्होंने मुख्यमंत्री का संबोधन सुना.