उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव में छोटे दलों और निर्दलीयों पर भारी पड़ रहा नोटा

Admindelhi1
24 April 2024 4:05 AM GMT
लोकसभा चुनाव में छोटे दलों और निर्दलीयों पर भारी पड़ रहा नोटा
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प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी की चारों संसदीय सीटों पर इसके ग्राफ में इजाफा हुआ

इलाहाबाद: नोटा (यानी किसी प्रत्याशी को वोट नहीं) कई छोटे दलों और निर्दल प्रत्याशियों पर भारी पड़ने लगा है. यह व्यवस्था 20 के लोकसभा चुनाव में लागू हुई थी, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में भी लागू रही. प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी की चारों संसदीय सीटों पर इसके ग्राफ में इजाफा हुआ है.

यूं तो चारों सीटों पर नोटा मतों के प्रतिशत में वृद्धि हुई है पर सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है इलाहाबाद सीट पर जहां नोटा का प्रतिशत 20 के मुकाबले 2019 में लगभग चार गुना बढ़ा है. 20 में इस सीट पर कुल 23 प्रत्याशी थे, नोटा को वां स्थान मिला था. कुल 3624 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था, जो कुल पड़े मतों का 0.22 प्रतिशत था. 2019 के चुनाव में नोटा मतों का प्रतिशत बढ़कर 0.86 हो गया. इस चुनाव में प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें नोटा पांचवें स्थान पर था. भाजपा, सपा, कांग्रेस और सीपीआई के उम्मीदवार के बाद नोटा का नंबर था. फूलपुर संसदीय सीट पर नोटा का मत प्रतिशत लगभग दोगुना बढ़ा है. 20 के संसदीय चुनाव में इस सीट पर कुल उम्मीदवार थे, नोटा को पांचवां स्थान मिला था. कुल 8424 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था, जो कुल पड़े मतों का 0.44 प्रतिशत था, यह प्रतिशत 2019 के चुनाव में 0.81 हो गया. 2019 में इस सीट से चुनाव लड़े प्रत्याशियों में नोटा को चौथा स्थान मिला था. भाजपा, सपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बाद नोटा का नंबर था. 7882 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था. 2019 के चुनाव में धूम धडा़के के साथ मैदान में उतरी शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी भी नोटा से सात पायदान पीछे रहकर वें स्थान पर थीं.

प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर नोटा के मत प्रतिशत में दोगुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है. 20 के चुनाव में इस सीट पर प्रत्याशी थे, नोटा छठवें स्थान पर था. कुल 9098 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था, जो कुल पड़े मतों का 0.53 प्रतिशत था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट के मैदान में उतरे आठ प्रत्याशियों में नोटा को पांचवां स्थान मिला था. 9 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था, जिसके साथ ही नोटा मतों का प्रतिशत बढ़कर 1.33 हो गया था.

कमोवेश यही स्थिति कौशाम्बी संसदीय सीट पर भी रही. इस सीट से 20 के चुनाव में प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें नोटा पांचवें स्थान पर था. 9 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था, जो उस चुनाव में कुल पड़े मतों का 0.87 प्रतिशत था. 2019 के चुनाव में यह प्रतिशत बढ़कर 1.51 हो गया था. इस चुनाव में कौशाम्बी सीट से मैदान में उतरे प्रत्याशियों में नोटा को छठवां स्थान मिला था. कुल 769 वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था.

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