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कानपूर न्यूज़: कानपुर की रेडीमेड और होजरी इंडस्ट्री की भव्य झलक पहली बार संकरी गलियों और घने इलाकों से निकलकर बाहर आई है. मोतीझील में लगे रेडीमेड गारमेंट्स के विशाल मेले में 400 से ज्यादा निर्माता एक दिन के शिशु से लेकर 100 वर्ष के उम्रदराज के लिए परिधान लेकर आए हैं. मेला निर्माता और रिटेल कारोबारियों के बीच प्लेटफॉर्म का काम करेगा. चार दिवसीय मेले में कम से कम एक हजार करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है. उप्र गारमेंट मेन्यूफैक्चर्स एंड ट्रेडिंग एसोसिएशन द्वारा मोतीझील में आयोजित मेले का उद्घाटन सांसद सत्यदेव पचौरी ने किया. पचौरी ने कहा कि 1950 से कानपुर रेडीमेड कपड़ों का गढ़ रहा है. इस इंडस्ट्री को कानपुर में फेयर के बाद नई पहचान व ऊंचाई मिलेगी
रेडीमेड गारमेंट्स में कानपुर की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुंबई और दिल्ली में कानपुर के रेडीमेड की डिमांड है जबकि 25 साल पहले ये तस्वीर उलट थी. कर्नलगंज, कोपरगंज, दादानगर, पनकी में फैली इकाइयों की सप्लाई 16 देशों में है. कानपुर की पहचान लेदर को लेकर है लेकिन ये मेला शहरवासियों के लिए गौरव की एक और तस्वीर पेश कर रहा है. मेले में फुटकर बिक्री नहीं बल्कि निर्माता और रिटेलर के लिए बिजनेस प्लेटफार्म है. यहां बच्चों के कोट, शेरवानी, डिजायनर कुर्ते भी मौजूद हैं तो पुरुषों के लिए बनियान से लेकर कोट-पैंट और जींस तक मिल जाएगी. महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक परिधान देखने को मिल जाएंगे. डिजायन और कलर्स का देश और विदेश में क्या ट्रेंड चल रहा है, इसकी पूरी जानकारी भी दी जा रही है. यहां महापौर प्रमिला पांडेय, बलराम नरुला, नजम हमराज, गुरुजिन्दर सिंह, विजय गुप्ता गोरे, मोहम्मद आरिफ, संजीव पाठक व राजेश आहूजा भी मौजूद रहे.