उत्तर प्रदेश

भाजपा जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक सहित चार के गैर जमानती वारंट

Admin2
19 Oct 2022 4:47 PM GMT
भाजपा जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक सहित चार के गैर जमानती वारंट
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मुजफ्फरनगर: नियत तिथि पर हाजिर नहीं होने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। वर्ष 2012 के रेल रोकने के लंबित मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला और पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित चार की तरफ से हाजरी माफी के लिए आवेदन पत्र दाखिल किया गया। अदालत ने उसे खारिज करते हुए चारों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) सहित अन्य आरोपी बुधवार को अदालत में पेश हुए।
भाजपा नेताओं के द्वारा तत्कालीन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान रेल रोकी गई थी। उस दौरान प्रशासन ने 10 भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा कायम कराया था। प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट संंख्या-1 के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल के यहां चल रही है।
इस केस में बुधवार को सुनवाई सीआरपीसी की धारा 313 के अंतर्गत अभियुक्तों के बयान के लिए में नियत थी। सहायक अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक, सुनील तायल और पवन तरार की ओर से अधिवक्ता द्वारा दिए गए हाजरी माफी प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए चारों के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। अगली सुनवाई के लिए 21 अक्तूबर नियत की गई है। जबकि राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल पेश हुए।
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