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Noida: यीडा का लॉजिस्टिक पार्क का काम जल्द रफ्तार पकड़ेगा
नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) टप्पल में विकसित होने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क समेत अन्य परियोजनाओं में काम में जल्द तेजी लाएगा. इसे विकसित करने का खाका तैयार कर लिया गया है. इयके लिए प्राधिकरण ने टप्पल का कुल 2627 हेक्टेयर अधिसूचित क्षेत्र का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है.
अधिकारी ने बताया कि टप्पल बाजना एयरपोर्ट के काफी नजदीक है. यहां पर 950 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क बनाया जाना है. इसका निर्माण चरणों में पूरा होगा. प्रथम चरण 200 हेक्टेयर में पूरा होगा. इस कुल 200 हेक्टेयर में से 10 हेक्टेयर व्यावसायिक, 12 हेक्टेयर संस्थागत और 24 हेक्टेयर आवासीय भूमि उपयोग के लिए रखा जाएगा. इसके अलावा, पार्क में ट्रक पार्किंग क्षेत्र, गेट कॉम्प्लेक्स, प्लेटफॉर्म और साइडिंग क्षेत्र सहित सहायक और सहायक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. प्राधिकरण जमीन और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने पर 990 करोड़ रुपये खर्च करेगा. पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली इस परियोजना के लिए पूर्व में टेंडर भी जारी हुए थे, हालांकि किसी कारणवश प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. इसके अलावा टप्पल में कई अन्य परियोजनाओं को शुरू किया जाना है, यहां पर अवैध अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. इसे खत्म करने के लिए प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है.
क्या होता है लॉजिस्टिक पार्क: लॉजिस्टिक्स पार्क भौतिक औद्योगिक क्षेत्र होता है, जिसे लॉजिस्टिक संचालन के उद्देश्य के लिए बनाया जाता है.
यह अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ लॉजिस्टिक्स से संबंधित जरूरतों के लिए समग्र समाधान प्रदान करता है. लॉजिस्टिक्स पार्क लॉजिस्टिक्स को आउटसोर्स करने की इच्छुक कंपनी के लिए कुछ बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करता है. पार्क कंपनी को पर्याप्त गोदाम के लिए स्थान प्रदान करता है, जिसमें कस्टम-निर्मित भंडारण सुविधाएं, कार्यालय कार्य स्थान, परिवहन डिपो, ईंधन पंप, बंदरगाह, श्रमिक आवास, खुदरा सुविधाएं और बहुत कुछ शामिल होता है.
1861 हेक्टेयर भूमि होगी अधिग्रहीत: टप्पल में अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए साथ 1861 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहित करने की योजना बनाई गई है. जिसे बोर्ड बैठक में भी मंजूरी मिल गई है. टप्पल का कुल अधिसूचित क्षेत्र 2627 हेक्टेयर हैं, जिसमें से 736 हेक्टेयर का प्रस्ताव पहले जा चुका हैं. अब शेष भूमि का जल्द ही अधिग्रहण कर लिया जाएगा. प्राधिकरण का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्र में जितने भी अवैध कॉलोनी मिलेगी उन्हें अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान ध्वस्त कर दिया जाएगा.