उत्तर प्रदेश

Noida: हैसिंडा की लोटस 300 परियोजना में हुई गड़बड़ी की जांच का दायरा बड़ा

Admindelhi1
26 Dec 2024 6:46 AM GMT
Noida: हैसिंडा की लोटस 300 परियोजना में हुई गड़बड़ी की जांच का दायरा बड़ा
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हैसिंडा परियोजना में गड़बड़ी की जांच स्पोर्ट्स सिटी तक पहुंची

नोएडा: सेक्टर-107 स्थित हैसिंडा की लोटस 300 परियोजना में हुई गड़बड़ी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. अब इस मामले में ईडी की जांच स्पोर्ट्स सिटी तक पहुंच गई . हैंसिडा परियोजना में शामिल एक कंपनी ने स्पोर्ट्स सिटी में भी भूखंड ले रखा है. अब ईडी इस कंपनी के दस्तावेज खंगाल रही है. वहीं इस मामले में प्राधिकरण ने करीब 500 पेज की रिपोर्ट ईडी को भेजी है.

हैसिंडा परियोजना में करीब 190 करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन सामने आ चुका है. यह रकम कहां गई, इसको लेकर ईडी की पड़ताल जारी है. अब फंड डायवर्जन को लेकर ईडी की जांच में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड की एक सहयोगी कंपनी का नाम सामने आया है. कुछ साल पहले इस कंपनी को स्पोर्ट्स सिटी में बड़े भूखंड का आवंटन किया गया था. महत्वपूर्ण यह है कि इस बिल्डर कंपनी ने उस भूखंड को छोटे-छोटे टुकड़ों में दूसरे बिल्डरों को बेच दिया और प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया. यही नहीं, इस कंपनी की तरफ से सबलीज कर जिन 16 बिल्डरों को भूखंड दिए गए, उन्होंने भी पैसा जमा नहीं किया. इन सभी भूखंड के आवंटन, लीज-डीड, सबलीज से जुड़े दस्तावेज ईडी ने नोएडा प्राधिकरण से लिए हैं. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो करीब 500 पेज की रिपोर्ट प्राधिकरण ने ईडी को भेजी है.

स्पोर्ट्स सिटी परियोजना पर पहले ही सीएजी ने कई आपत्ति लगा रखी है. पूरे स्पोर्ट्स सिटी के लिए भूखंड आवंटन में 8643 करोड़ रुपये का घाटा सीएजी बता चुकी है. वर्ष 2021 से स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े सभी तरह के काम पर रोक लगी हुई है. अब जांच करते-करते ईडी भी यहां पहुंच गई है. ऐसे में आने वाले समय में अन्य खुलासे हो सकते हैं. इनमें भी बगैर बकाया मिले सब-डिवीजन करने वाले प्राधिकरण के अधिकारी भी सवालों के कठघरे में हैं. स्पोर्ट्स सिटी के अंतर्गत सेक्टर-78, 79, 101, 150 और 152 में परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं में ग्रुप हाउसिंग का हिस्सा काफी जगह बनकर तैयार हो गया है.

अधिकारियों पर भी कस रहा शिकंजा: इस मामले में ईडी नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन एवं सीईओ रहे मोहिंदर सिंह से दो बार पूछताछ कर चुकी है. अब 16 को फिर से पूछताछ होगी. इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण के एक अन्य चेयरमैन एवं सीईओ रहे अधिकारी से भी पूछताछ की तैयारी है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इन दोनों आला अधिकारियों के अलावा उस दौरान कार्यरत रहे एसीईओ, ओएसडी व ग्रुप हाउसिंग प्रभारी भी जांच के दायरे में आएंगे.

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