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Noida: स्ट्रीट लाइट के खुले पड़े पैनल बॉक्स हादसे को दे रहे हैं दावत
नोएडा: आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों के साथ क्षेत्र के गांवों में स्ट्रीट लाइट के खुले पड़े पैनल बॉक्स हादसे को दावत दे रहे हैं. बारिश के मौसम में इनमें करंट उतरने की ज्यादा संभावना रहती है. वहीं, टूटे पैनल बदलने के बजाय उस पर टेप लगाकर काम चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं, शहर की मुख्य सड़कों के किनारे स्थित ज्यादातर खंभों के पैनल बॉक्स गायब हैं, जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यह स्थिति तब है जब एसीईओ ने माह पूर्व ही निरीक्षण के दौरान व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे.
बिजली की बचत के लिए प्राधिकरण ने साल 2021 में एलईडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सोडियम लाइटों को हटाकर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का फैसला लिया था. इसकी जिम्मेदारी सूर्या कंपनी को दी गई है. 54 हजार स्ट्रीट लाइट लगाने पर 48 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. साल के अंदर ही व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है. दिन में भी लाइट जलती रहती है. स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगे ज्यादातर पैनल बॉक्स क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
सेक्टर स्वर्णनगरी के गोलचक्कर से लेकर नवादा गोलचक्कर, डेल्टा-1 लेबरचौक और रायन स्कूल गोलचक्कर तक निरीक्षण करने पर पाया गया कि ज्यादातर पैनल बॉक्स टूटे हैं. कंपनी द्वारा टेप लगाकर खानापूर्ति की गई है. कुछ समय पूर्व लगाए गए टेप फिर उखड़ने लगे हैं. सड़क के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट की यही स्थिति है. माह पूर्व प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने सेक्टर अल्फा और बीटा का दौरा किया था. उस समय भी पैनल बॉक्स टूटे मिले थे. एसीईओ के निर्देश के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ.