उत्तर प्रदेश

Noida: एसआईटी अपात्र किसानों को मुआवजा देने की जांच करेगी

Admindelhi1
3 Feb 2025 8:59 AM GMT
Noida: एसआईटी अपात्र किसानों को मुआवजा देने की जांच करेगी
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"दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने का निर्देश"

नोएडा: न्यायालय के आदेश के बिना गेझा तिलपताबाद, भूड़ा समेत तीन गांवों के अप्रात्र किसानों को नोएडा प्राधिकरण द्वारा करोड़ों रुपये का मुआवजा देने के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा. उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी को जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान कर दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने का निर्देश दिया है.

उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने जिन तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित की है, उनमें अतिरिक्त डीजीपी एसबी शिराडकर, सीबीसीआईडी के आईजी मोदक राजेश डी. राव और डीआईजी हेमंत कुटियाल शामिल हैं. इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में एसआईटी नोएडा प्राधिकरण आ सकती है.

जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए विशेष जांच दल का गठन किया. शीर्ष अदालत ने किसानों के अवैध तरीके से मुआवजे का भुगतान करने से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी नोएडा प्राधिकरण के विधि सलाहकार और एक विधि अधिकारी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला कुछ भूस्वामियों को अपनी जमीन के बदले मुआवजे की भारी भरकम रकम का भुगतान करने से संबंधित है, जो कथित तौर पर अपनी अधिगृहित भूमि के लिए इतनी अधिक रकम पाने के हकदार नहीं थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य मुद्दों की भी पड़ताल कर सकती है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त मुआवजा पाने वाले लाभार्थियों, किसानों और भूस्वामियों को बिना उसकी अनुमति के दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है.

पुरानी एसआईटी ने 117 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन हेमंत राव की अध्यक्षता में सितंबर 2023 में एसआईटी गठित की थी. एसआईटी ने गेझा तिलपताबाद, भूड़ा समेत तीन गांवों में 20 मामलों में अपात्र किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने की गड़बड़ी पकड़ी. यह मुआवजा राशि 117 करोड़ 56 लाख 95 हजार 40 रुपये है. यह जांच पिछले 15 साल यानि एक अप्रैल 2009 से वर्ष 2023 तक के दौरान प्रकरणों की. जांच रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा कि प्राधिकरण ने बढ़ी दर पर प्रतिकर का अनियमित भुगतान किया, जबकि नोएडा प्राधिकरण पर कोई विधिक बाध्यता नहीं थी

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