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Noida: पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया
नोएडा: सेक्टर-1 पुलिस ने रेकी करने के बाद मकानों और पीजी से लैपटॉप और मोबाइल समेत अन्य सामानों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया. उनके कब्जे से 44 मोबाइल और चार लैपटॉप समेत अन्य सामान बरामद हुआ. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल होने वाले ऑटो को भी कब्जे में ले लिया है. सरगना पूर्व में दिल्ली से जेल जा चुका है.
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि पीजी और मकानों से लैपटॉप और मोबाइल चोरी होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं. जांच के दौरान मुखबिर से मिली सूचना पर तीन बदमाशों को दबोच लिया गया. बदमाशों की पहचान हमीरपुर के जरिया के सिद्ध गोपाल, पश्चिम बंगाल के मेंदनीपुर के तपन मांझी और सपन मांझी के रूप में हुई. सपन मांझी गिरोह का सरगना है और तपन उसका भरोसेमंद साथी है. सपन मांझी के खिलाफ 34 केस दर्ज हैं. बदमाशों ने अब तक 200 लैपटॉप और 400 मोबाइल चोरी करने की बात स्वीकारी है. आरोपी दरवाजा खोलकर सोने वाले घर और पीजी में रात 12 से सुबह छह बजे के बीच चोरी करते थे. आरोपियों में सिद्ध गोपाल कक्षा आठ तक पढ़ा है और ऑटो चलाने का काम करता है. तपन मांझी कक्षा चार तक पढ़ा है और घर में रहकर खेती करता था. वहीं, सपन मांझी कक्षा तक पढ़ा है और चेन्नई में होटल में खाना बनाने का काम करता था. तीनों ने 25 की रात साथ तीन घरों में चोरी की थी. आरोपियों को पकड़ने के लिए 90 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई. बीते चार सालों से आरोपी वारदात कर रहे थे. आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की तैयारी है.
पश्चिम बंगाल में बेचते थे माल: एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी चोरी का माल पश्चिम बंगाल ले जाकर बेचते थे ताकि पुलिस के निशाने पर आने से बच सकें. गिरफ्त में आए बदमाश चोरी करने वाले अन्य लोगों से भी चोरी के माल को सस्ते दामों में खरीद लेते थे और उसे पश्चिम बंगाल में ले जाकर ऊंचे दामों पर बेच देते थे. चोरी का लैपटॉप और मोबाइल खरीदने वालों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है.
तीन हजार मे देते थे मोबाइल: पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चोरी के मोबाइल को आरोपी महज तीन से चार हजार में और लैपटॉप को सात हजार रुपये में बेच देते थे. बरामद मोबाइल में से 12 मोबाइल और लैपटॉप ऐसे हैं, जिनके मूल स्वामी का पता चल गया है. मोबाइल और लैपटॉप मिलने की सूचना जैसे ही पुलिस ने पीड़ितों को दी उनके चेहरे फिर से खिल उठे. गिरोह को दबोचने वाली टीम को डीसीपी नोएडा ने सम्मानित करने की बात कही है.