उत्तर प्रदेश

Noida: अभिभावकों से बच्चों को स्कूल न भेजने के 18 कारण पूछे जाएंगे

Admindelhi1
4 Jun 2024 9:06 AM GMT
Noida: अभिभावकों से बच्चों को स्कूल न भेजने के 18 कारण पूछे जाएंगे
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यह जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक की होगी.

नोएडा: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अभियान चलाकर शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल की दहलीज से दूर नौनिहालों को चिह्नित किया जाएगा. उनके अभिभावकों से स्कूल न भेजने के 18 कारण पूछे जाएंगे. इसके साथ ही उनके पूरे परिवार का सर्वेक्षण भी किया जाएगा. यह जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक की होगी. 17 से सर्वे शुरू होगा. इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

झुग्गी झोपड़ियों, ईंट भट्टों, कारखानों, होटलों, मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों के 7 से 17 वर्ष तक के बच्चों को चिह्नित कर विद्यालयों में नामांकन के लिए अभियान चलाया जाएगा. अभियान का प्रथम चरण 17 से 16 जुलाई तक चलाया जाएगा. इस दौरान मुख्य रूप से झुग्गी में रहने वाले और मजदूरी करने वाले परिवारों को प्रेरित कर बच्चों को नजदीक के विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाएगा. जिले में गरीब परिवारों के कुछ बच्चों किसी न किसी वजह से विद्यालय न जाकर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. ऐसे बच्चों के लिए शारदा अभियान के तहत शासन ने दाखिला दिलवाया जाएगा. शैक्षिक सत्र 20- में जनपद में लगभग 5352 बच्चों ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित कर परिषदीय विद्यालयों में नामांकन कराए गए थे. इस अभियान में 7 से 14 आयु वर्ग के ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हित कर आयु संगत कक्षा में उनका नामांकन कराया जाता है. इन बच्चों के लिये विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था विद्यालय द्वारा की जाती है. इन बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विशेष शिक्षण सामग्री दी जाती है.

अभिभावकों से 18 सवाल पूछे जाएंगे: स्कूल के प्रधानाध्यापक अपने इलाके में स्कूल न जाने वाले नौनिहालों को चिह्नित करेंगे. वे अभिभावकों से 18 सवाल पूछेंगे. इन सवालों के आधार पर ही वह स्कूल न पहुंचने का कारण जान सकेंगे. इसके बाद इन नौनिहालों का विद्यालयों में दाखिला कराकर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा. इसमें प्रधानाध्यापक और शिक्षक परिवार से पूछेंगे कि क्या बच्चा घर के कामों में लगा हुआ है. क्या कचरा बीनना, घरेलू नौकर, ईंट भह्वों व खदानों या गैराज पर काम कर रहा है. क्या कृषि व्यवसाय, पुश्तैनी दस्तकारी, छोटे होटलों पर काम कर रहा है. क्या भाई बहनों की देखभाल कर रहा है. क्या विद्यालय दूर है. क्या कक्षा कक्ष में छात्र की संख्या अधिक है. क्या शिक्षक का व्यवहार अनुचित है, जैसे सवाल पूछे जाएंगे.

शारदा कार्यक्रम के द्वारा अभियान चलाकर झुग्गी झोपड़ियों, ईंट भट्टों, कारखानों, होटलों, मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों के 7 से 17 वर्ष तक के बच्चों को चिह्नित कर विद्यालयों में नामांकन कराया जाएगा. अभियान 17 से शुरू होगा, इसमें इस वर्ष जिले से अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा. - राहुल पनवार, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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