उत्तर प्रदेश

Noida: नोएडा विकास प्राधिकरण ने किसानों को पांच प्रतिशत के भूखंड देने की तैयारी शुरू की

Admindelhi1
17 Jan 2025 7:33 AM GMT
Noida: नोएडा विकास प्राधिकरण ने किसानों को पांच प्रतिशत के भूखंड देने की तैयारी शुरू की
x
"कार्ययोजना पर काम शुरू"

नोएडा: कई वर्षों से संघर्ष कर रहे किसानों की कुछ मांगें पूरी होती नजर आ रही हैं. तैयारी है कि अतिक्रमण के नाम पर पांच प्रतिशत के भूखंडों का आवंटन न रोका जाए. कुछ शर्तों के साथ किसानों को ये भूखंड दे दिए जाएं. नोएडा विकास प्राधिकरण ने इस कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है. इस निर्णय से करीब छह हजार किसानों को राहत मिलेगी.

इस संबंध में शासन से एक पत्र को नोएडा प्राधिकरण आया. अभी तक प्राधिकरण के नियमों के तहत अगर किसी किसान ने प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर रखा है और वह पांच प्रतिशत भूखंड का हकदार है तो उसे भूखंड नहीं दिया जाएगा. पहले उसे जमीन से कब्जा छोड़ना होगा, तभी भूखंड मिलेगा. इसको लेकर प्राधिकरण और किसानों के बीच विवाद चल रहा है. किसान अपनी पुश्तैनी जमीन बता रहे हैं, जबकि प्राधिकरण अपनी जमीन. किसान यूनियनें भूखंड देने में अतिक्रमण का अड़ंगा नहीं लगाने की मांग को लेकर प्राधिकरण से लेकर शासन स्तर पर अफसरों से मांग कर चुकी हैं. अब इस मामले में किसानों को सफलता मिलती नजर आ रही है.

प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि पात्र किसानों को पांच प्रतिशत भूखंड या उसकी एवज में धनराशि देने की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया गया है. इस मामले में अड़ंगा बने अतिक्रमण मामले में ढील बरतने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिन किसानों ने अतिक्रमण कर रखा है, उनको कुछ शर्तों के साथ भूखंड दिए जाएंगे.

प्राधिकरण ने जिस जमीन पर किसान को भूखंड देना प्रस्तावित कर रखा है तो किसान को पहले वह जमीन खाली करनी होगी. इस मामले में किसानों की लड़ रहे भारतीय किसान परिषद के विधि सलाहकार सचिन अवाना ने बताया कि प्राधिकरण के रिकॉर्ड के हिसाब से ही अतिक्रमण से संबंधित 6040 किसानों को पांच प्रतिशत भूखंड दिए जाने की प्रक्रिया रूकी हुई है. इसके अलावा दो हजार और अन्य किसान पांच प्रतिशत भूखंड के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की बाकी मांगों को लेकर भी लड़ाई जारी रहेगी.

जमीन कब्जा मुक्त नहीं होने से प्राधिकरण को अरबों का नुकसान : अभी तक प्राधिकरण किसानों को भूखंड देने से पहले कब्जे वाली जमीन को खाली करने के लिए कहता है. इससे सरकारी जमीन कब्जा करने वाले किसानों पर दबाव बना हुआ है. भूखंड मिलने के बाद किसानों पर दबाव खत्म हो जाएगा. ऐसे में जमीन खाली कराना प्राधिकरण के लिए आसान नहीं रहेगा. खास बात यह है कि नोएडा के अलग-अलग गांवों में अरबों रुपये की सरकारी जमीन पहले ही किसानों के कब्जे में है. इससे प्राधिकरण को आर्थिक नुकसान हो रहा है.

Next Story