उत्तर प्रदेश

Noida: यमुना प्राधिकरण के लॉ और बिल्डर विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई

Admindelhi1
18 July 2024 7:39 AM GMT
Noida: यमुना प्राधिकरण के लॉ और बिल्डर विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई
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जमीन का आवंटन रद्द करने के लिए बोर्ड बैठक में गलत तथ्य रखे

नॉएडा: हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के बाद भी तथ्यों को छिपाकर सुपरटेक और सनवर्ड बिल्डर का आवंटन निरस्त करने से संबंधित प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रख दिया, जिसे बोर्ड ने संस्तुति प्रदान कर दी.

बिल्डर ने इसकी जानकारी होने पर अपना दावा प्रस्तुत किया. ऐसे में बोर्ड बैठक में पास प्रस्तावों की रिपोर्ट में संशोधन किया जा रहा है. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. इसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है. नों बिल्डरों पर प्राधिकरण का 1493 करोड़ रुपये बकाया है.

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22डी में सुपरटेक और सनवर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर को टाउनशिप विकसित करने के लिए 100- 100 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. नों बिल्डरों ने अभी तक परियोजना को पूरा नहीं किया. सनवर्ड द्वारा कुछ काम नहीं किया गया है, जबकि सुपरटेक टाउनशिप में कुछ लोग रह रहे हैं. सुपरटेक में 3200 और सनवर्ड में 1400 बॉयर्स हैं. सुपरटेक पर 677 करोड़ रुपये और सनवर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 816 करोड़ रुपये बकाया हैं. बार- बार नोटिस देने के बाद भी बिल्डर द्वारा बकाया जमा नहीं किया गया. वहीं, बिल्डर और खरीदारों की समस्याओं के निस्तारण के लिए गठित अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए भी नों बिल्डर आगे नहीं आए. इस पर प्राधिकरण ने कार्रवाई की तैयारी शुरू की.

यमुना प्राधिकरण की 26 को हुई बोर्ड बैठक में बिल्डर विभाग द्वारा सुपरटेक और सनवर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर का आवंटन निरस्त करने से संबंधित प्रस्ताव रखा गया. प्राधिकरण के लॉ और बिल्डर विभाग ने अधिकारियों को बताया कि इन बिल्डरों का कोर्ट में कोई विवाद नहीं है.

इस पर बोर्ड बैठक में नों बिल्डरों का आवंटन निरस्त करने की संस्तुति प्रदान कर दी गई. आवंटन निरस्त की कार्रवाई में खरीदारों के हितों का ध्यान रखा गया. आवासीय हिस्से को छोड़ दिया गया. आवंटन निरस्त होने की जानकारी होने पर बिल्डर ने अपना दावा पेश किया कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में कार्रवाई नहीं की जा सकती. प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के यहां भी सुनवाई चल रही है. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ़ अरुणवीर सिंह ने लॉ फर्म से राय ली तो मामला सही पाया गया.

नों बिल्डरों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है. नियमानुसार कोर्ट में मामला लंबित होने पर आवंटन निरस्त की कार्रवाई नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने भी कहा कि सुनवाई के दौरान कार्रवाई नहीं हो सकती. इस पर संज्ञान लेते हुए सीईओ ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. जांच में षी पाए जाने पर लॉ ऑफिसर, प्रबंधक बिल्डर और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है.

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