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- Noida: जाने नोएडा में...
नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार भूजल स्तर की निगरानी हो रही है. जिला प्रशासन ने हाल ही में भूजल स्तर को लेकर मानसून से पूर्व रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक, तीन वर्ष बाद नोएडा के भूजल में दो फुट तक उछाल आया. वहीं, ग्रेटर नोएडा में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है. हालांकि, इस वर्ष मामूली गिरावट दर्ज हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा का भूजल स्तर 22.92 मीटर यानी 75 फुट और ग्रेनो में 13.56 मीटर यानी 44 फुट दर्ज किया गया. 2023 में मानसून से पूर्व नोएडा में भूजल स्तर 23.64 मीटर यानी 77 फुट और ग्रेनो में 13.43 मीटर था. हालांकि, इस वर्ष नोएडा के भूजल में काफी सुधार आया है. वहीं, कई ऐसे प्वाइंट भी चिह्नित किए गए हैं, जहां पर लगातार भूजल स्तर गिरता जा रहा है. नोएडा में सेक्टर-41 आगाहपुर गांव में भूजल 31.49 मीटर (3 फुट), सेक्टर-39 पुलिस स्टेशन में 6 फुट, जबकि गढ़ी चौक पाठशाला में 126 फुट मापा गया है.
कार्रवाई का असर
बिल्डर परियोजना पर हो रही कार्रवाई से भूजल स्तर पर सकारात्मक प्रभाव दिखा. डेढ़ वर्ष में भूजल विभाग ने नोएडा, ग्रेनो और यीडा के कई बिल्डर पर बोरवेल से पानी निकालने पर एक करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है. बिल्डरों को चिह्नित कर एनओसी न लेने पर जुर्माने की राशि दोगुनी भी की गई है. कार सर्विंस सेंटर, आरओ प्लॉट आदि पर भी विभाग ने कार्रवाई कर अवैध बोरवेल को सील किया है.
पीजोमीटर से निगरानी
भूजल स्तर का पता लगाने के लिए पीजोमीटर का प्रयोग किया जाता है. पीजोमीटर एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग बांधों, पाइपों और अन्य नलिकाओं में भूजल के दबाव को मापने के लिए किया जाता है. पीजोमीटर हाइड्रोस्टेटिक दबाव सिद्धांत के आधार पर काम करता हैं. जब भूजल स्तर में बदलाव होता है तो डिवाइस के अंदर पानी के स्तंभ में दबाव में बदलाव होता है. यह सिद्धांत विशेषज्ञों को भूजल की गहराई और व्यवहार को समझने में मदद करता है.
(भूजल की स्थिति मीटर में)
नोएडा में करीब तीन वर्ष बाद भूजल स्तर में दो फुट तक उछाल आया है, यह विभाग की लगातार मॉनिटरिंग और बिल्डर परियोजनाओं पर कार्रवाई का नतीजा है. बिल्डरों समेत अन्य कार सर्विस सेंटर व आरओ प्लॉट पर बोरवेल के लिए एनओसी लेने का दबाव बनाया जा रहा है. -अंकिता राय, हाइड्रोलॉजिस्ट, भूजल विभाग