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Noida: जेल सरपंच बंदियों की जरूरतों-परेशानियों का हल निकालेंगे
नोएडा: बंदियों की परेशानियों और जरूरतों का हल जेल सरपंच निकालेंगे. इसके लिए डासना जेल प्रशासन ने चौपाल का प्रारूप तैयार किया है. अधिकारियों के मुताबिक, जेल की सभी 12 बैरकों में एक-एक चौपाल का गठन हुआ है. प्रत्येक चौपाल में सरपंच के साथ छह समितियां बनाकर प्रभारी और उप सरपंच भी नामित कर दिए गए हैं. ये सभी लोग बंदी हैं.
डासना स्थित जिला कारागार के जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा का कहना है कि बंदियों की समस्याएं या जरूरतें उनके अलावा कोई अन्य महसूस नहीं कर सकता. जेल की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए प्रशासन और बंदियों के बीच तालमेल होना बेहद जरूरी है. आमतौर पर बंदी अपनी रोजमर्रा की समस्याओं और सुझावों को जेल प्रशासन के समक्ष रखने में झिझकते हैं. इस बिंदु पर सुधारात्मक तरीके से कार्य करने के लिए जेल में चौपाल की अवधारणा तैयार की गई है. जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में कुल 12 अहाते हैं. प्रत्येक अहाते की अपनी चौपाल बना दी गई है.
आचरण के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी जेल अधीक्षक ने बताया कि ग्राम पंचायतों की तर्ज पर जेल में चौपाल बनाई गई हैं. चौपालों के सरपंच के अलावा समितियों के प्रभारी तथा उप सरपंचों को अहातों के बंदियों की सहमति से उनके बीच से ही चुना गया है. नामित करने से पूर्व उनके आचरण और पृष्ठभूमि को जांचा गया. इन सरपंचों और प्रभारियों का काम बंदियों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का निदान कराना है. साथ ही बंदियों की गंभीर समस्याओं को वह जेल प्रशासन तक पहुंचाकर उनकी मदद कराएंगे.
छह समितियां इस तरह से कार्य करेंगी:
● योग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति अहाते के बंदियों को योग के लिए प्रेरित करेगी. कला के क्षेत्र में निपुण बंदियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयार किया जाएगा.
● चिकित्सा एवं स्वास्थ्य समिति बंदियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देगी. उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करेगी.
● स्वच्छता समिति स्वच्छ भारत मिशन के तहत बंदियों को जोड़कर स्वच्छता समिति उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करेगी.
● अनुशासन समिति बंदियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा. झगड़ा करने पर दोषी के खिलाफ जेल प्रशासन को रिपोर्ट सौंपेगी.
● विधिक सहायता समिति बंदियों को विधिक सहायता मुहैया कराने और विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई गईं योजनाओं के बारे बंदियों को जानकारी देगी.
● शिक्षा एवं कौशल विकास समिति अनपढ़ बंदियों को साक्षर बनाने और उन्हें आगे की शिक्षा के दिलाने में मदद करेगी.
हर सप्ताह समीक्षा होगी
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि प्रत्येक चौपाल के सरपंच रोजाना की गतिविधियों, बंदियों की समस्याओं, सुझावों को रजिस्टर में दर्ज करेंगे तथा साथ ही जेल के अधिकारियों को बताएंगे. इसके अलावा जेल अधिकारी प्रत्येक सप्ताह में चौपालों की बैठक कर समीक्षा करेंगे. इस दौरान बंदियों की जरूरतों और परेशानियों का निदान ढूंढा जाएगा. जेल सरपंचों, प्रभारियों और उप सरपंचों को सफेद रंग की अलग ड्रेस दी जाएगी