उत्तर प्रदेश

Noida: भारत सरकार ने नोएडा को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया

Admindelhi1
28 Jan 2025 5:58 AM GMT
Noida: भारत सरकार ने नोएडा को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया
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"इस श्रेणी में पूरे देश से 12 शहर शामिल किए गए"

नोएडा: स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने पर आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने नोएडा को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया है. इस श्रेणी में पूरे देश से 12 शहर शामिल किए गए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश से मात्र एक नोएडा शहर है.

दूसरी ओर, मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के लिए नई टूल किट तैयार की जा रही है. अब सफाई के मामले में अंक 9500 की बजाए 10000 में से दिए जाएंगे. नई टूल किट जारी करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण के विभिन्न पैरामीटर की संस्तुति, मार्किंग एवं सर्वेक्षण पैटर्न जारी किया है जिसमें पूर्व के कुल मार्क्स 9500 के स्थान पर 10000 पर सर्वेक्षण होगा. नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि विजिबल क्लीनलीलेंस के 1500, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के 1500, एडवोकेसी फॉर स्वच्छता के 1500, सेग्रीगेशन कलेक्शन और कूड़े से संबंधित ट्रांसपोर्ट के 1000, सेनीटेशन के 1000, वाटर मैनेजमेंट के 1000, सिटीजन फीडबैक के 500 सहित अन्य श्रेणियों में मार्क्स तय किए गए हैं.

महाप्रबंधक ने बताया कि केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वच्छ सर्वेक्षण में उच्च श्रेणी प्राप्त स्वच्छतम शहरों का -सुपर स्वच्छ लीग-के नाम से पहली बार उत्कृष्ठ क्लब बनाया है. इस लीग में पूरे देश से 12 अग्रणी स्वच्छ शहरों को इसमें शामिल किया है. इसमें यूपी से मात्र नोएडा शहर को शामिल किया गया है. नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने शहरवासियों से स्वच्छ सर्वेक्षण में नोएडा की रैकिंग बढ़ाने के लिए स्वच्छता में सहयोग करने की अपील की है.

जालसाजी से बचने के लिए दिशा-निर्देश: मेडिकल टेस्ट की सुविधा के नाम पर जालसाजी करने का अनोखा मामला सामने आने के बाद नोएडा पुलिस ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. लोगों को इसमें बचाव के तरीके के साथ ही यह भी बताया गया है कि ठगी के बाद उन्हें क्या करना है.

डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को मेडिकल सुविधाओं की आवश्यकता हो तो वह आसपास की पैथलैब व चिकित्सक आदि का विवरण गूगल या अन्य सर्चिंग प्लेटफार्म पर लेता है. हाल ही में एक घटना सामने आई, जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा मेडिकल चेकअप के नाम पर वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित को बताया गया कि उसको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ शिकायत थी, जिसमें पीड़ित द्वारा समस्या होने की सहमति व्यक्त की गई.

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