उत्तर प्रदेश

Noida: प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी के घर से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले

Admindelhi1
28 Dec 2024 7:58 AM GMT
Noida: प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी के घर से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले
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विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति के मामले में यह जांच कर रही है

नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविन्द्र सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मेरठ विजिलेंस टीम ने को उनके घर पर छापा मारकर संपत्ति की जांच की. इस दौरान करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले. बताया गया कि रविन्द्र यादव जिस घर में रह रहे हैं, उसकी कीमत 16 करोड़ से अधिक है. यहां सुख-सुविधाओं की चीजों पर उन्होंने 37 लाख रुपये खर्च किए हैं. विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति के मामले में यह जांच कर रही है.

मेरठ विजिलेंस टीम ने को ओएसडी रविन्द्र सिंह यादव के नोएडा स्थित आवास पर और इटावा के गांव मलाजनी में स्थित स्कूल पर छापा कर कार्रवाई की. विजिलेंस टीम ने न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद यह कार्रवाई की थी. विजिलेंस टीम ने नोएडा में सेक्टर 47 में स्थित उनके घर पर छापा मारा था, यह तीन मंजिला कोठी है. विजिलेंस के अनुसार इस कोठी की कीमत 16 करोड़ रुपये से अधिक है और यहां पर सुख सुविधाओं के लिए लगे उपकरणों पर 37 लाख रुपये से अधिक खर्च किए गए थे. इसके अलावा वहां से 62 लाख 44 हजार रुपये के आभूषण और 2 लाख 47 हजार रुपये की नकदी मिली है. यहां से सभी परिवारजनों के पासपोर्ट भी मिले हैं, जिन पर हुई विदेश यात्राओं की जानकारी भी विजिलेंस टीम जुटा रही है.

घर से मिली दो कारों के संबंध में भी जानकारी की जा रही है. यहां से छह बैंक खातों, विभिन्न पॉलिसियों और अन्य निवेश से संबंधित कागाजात भी मिले हैं, जिनको लेकर भी जांच जारी है. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक अन्य संपत्तियों के दस्तावेजों की भी जांच हो रही है. इसके अलावा सर्च के दौरान गांव मलाजनी इटावा में स्थित अरिस्टोटल वलर्ड स्कूल से संबंधित भी दस्तावेज मिले. इस स्कूल की भवन और जमीन की वर्तमान में कीमत 15 करोड़ से अधिक है. स्कूल की सोसाइटी का अध्यक्ष भी रविन्द्र का बेटा निखिल यादव है. यह स्कूल पूरी तरह से वातानुकूलित है, जहां पर स्मार्ट क्लासेस द्वारा शिक्षण कार्य होता है. स्कूल में लगे फर्नीचर और उपकरणों की कीमत दो करोड़ से ज्यादा है. स्कूल में दस बस भी हैं, जो एक करोड़ 4 लाख से अधिक कीमत की हैं. दोनो स्थानों की जांच बिजिलेंस के 18 अधिकारियों ने की थी और यहां से मिले दस्तावेजों की जांच अभी जारी है.

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