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नोएडा: सेक्टर-27 स्थित नामी स्कूल के परिसर में साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ डिजिटल रेप मामले में पुलिस ने 50 पन्नों का आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया है. पुलिस ने तीन लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें बच्ची से डिजिटल रेप करने वाला मुख्य आरोपी और घटना को दबाने वाले कार्यालय प्रशासक और क्लास टीचर भी शामिल हैं.
दरअसल, करीब डेढ़ माह पहले स्कूल में पढ़ने वाली तीन वर्षीय मासूम बच्ची गुमसुम रहने लगी थी. परिजनों ने उसे जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि स्कूल में ही काम करने वाले एक शख्स ने उसके साथ छेड़छाड़ की है. इसके बाद पीड़ित बच्ची के परिजनों ने सेक्टर-20 थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद पुलिस ने निठारी निवासी नित्यानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जो स्कूल में ही स्वीपर का काम करता था. इसके बाद अभिभावकों ने स्कूल पर प्रदर्शन किया. पुलिस ने घटना छिपाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बच्ची की क्लास टीचर मधु मेनघानी और कार्यालय प्रशासक दयामय महतो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि पीड़ित बच्ची को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए साक्ष्य और 12 गवाहों के आधार पर 50 पन्नों का आरोप पत्र तैयार किया गया है, जिसे न्यायालय में दाखिल कर दिया है. न्यायालय में जल्द ही आरोप तय किए जाएंगे, उसके बाद केस की सुनवाई शुरू होगी.
वर्ष 2019 में भी ऐसा मामला सामने आया
इससे पहले ऐसा ही एक मामला 21 जनवरी 2019 को नोएडा में हुआ था. इस मामले में आरोपी 65 वर्षीय अकबर अली था. उसने तीन साल की बच्ची को बहाने से बुलाकर डिजिटल रेप किया था. इस मामले में अकबर अली को सजा भी हुई थी.
क्या होता है डिजिटल रेप
जब आरोपी पीड़िता का सेक्सुअल असॉल्ट अपने हाथ या फिर पैर की उंगलियों से करता है तो वह डिजिटल रेप कहलाता है. यह कानून निर्भया केस के बाद आया था. वर्ष 2013 में इस कानून को मान्यता मिली.
दोषी को सजा का प्रावधान
साल 2019 में जो मामला सामने आया था उसमें दोषी को गौतमबुद्ध नगर के जिला कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. दरअसल, इन मामलों में ज्यादातर पीड़िता बच्चियां होती हैं, इसलिए आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. पॉक्सो ऐक्ट में दोषी को 20 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. वहीं, अगर पीड़िता की मृत्यु हो जाती है तो उसको फांसी की भी सजा हो सकती है.