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Noida: कैग को यमुना सिटी की 10 सड़कें सुधारने के काम में गड़बड़ी मिली
नोएडा: यमुना प्राधिकरण (यीडा) की सड़क निर्माण और विकास कार्यों में बरती गई लापरवाही की पोल खुलती जा रही है. नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने अब यमुना सिटी में 10 सड़कों की री-सरफेसिंग और मरम्मत के काम में 3.16 करोड़ रुपये अनावश्यक खर्च करने का दावा किया है.
जानकारी के मुताबिक दो या दो से अधिक लेन की 10 सड़क कार्यों के कार्यान्वयन के खर्च आंकलन में सड़क मरम्मत के लिए क्लोज ग्रेडेड प्रीमिक्स सरफेसिंग या फिर सेमी डेंस बिटुमिनस कंक्रीट (एक प्रकार की निर्माण सामग्री) का प्रावधान किया गया था. यह मरम्मत कार्य फुटपाथ डिजाइन के अनुसार होना था, लेकिन कार्य में नियमों का पालन नहीं किया गया, जिसमें इन दस सड़कों पर 3.16 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए. हालांकि, यीडा ने अपने जवाब में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (यूपीपीडब्ल्यूडी) के आदेश 13 जून 2007 का क्लॉज-5 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का हवाला दे इन सड़कों को दो से कम लेन का बताया.
अवलोकन में ये सड़कें 18 और 24 मीटर चौड़ी पाई गईं, जो 3.62 मीटर की पीएमजीएसवाई सिंगल लेन सड़कों से चौड़ी है. वहीं, यूपीपीडब्ल्यूडी ने स्पष्ट किया है कि दो और दो से अधिक लेन की सड़क मरम्मत में बिटुमिनस परत के कार्य के कार्यान्वयन से पहले सरफेस ड्रेसिंग की आवश्यकता नहीं होती है.
फुटपाथ पर आईआरसी के अनुसार नहीं मिली सामग्री
कैग रिपोर्ट के मुताबिक साइकिल ट्रैक या पैदल मार्ग के लिए इंटर लॉकिंग कंक्रीट 200 मिलीमीटर आधार, 20-30 मिलीमीटर बालू की परत और 60 मिलीमीटर कंक्रीट ब्लॉक से युक्त होगी, लेकिन 2013 से 2019 की अवधि के दौरान छह अनुबंधों में निर्माण के लिए फ्लोरिंग के लिए ईंट, सादा सीमेंट और 80-60 मिलीमीटर कंक्रीट ब्लॉक का उपयोग किया गया. इससे 1.32 करोड़ का अतिरिक्त व्यय हुआ.
यीडा ने 2009 से मई 2018 तक सड़क कार्यों के लिए सात अनुबंधों में आईआरसी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर 20 के बजाय 25 मिलीमीटर मोटाई के क्लोज ग्रेडेड प्रीमिक्स सरफेसिंग का प्रयोग किया, जिसमें 1.64 करोड़ रुपये ज्यादा खर्च हुए. वहीं, यीडा ने जुलाई 2010 से मार्च 2014 तक छह सड़कों के निर्माण कार्यों में अनावश्यक रूप से एसडीबीसी बिछाने पर सड़क निर्माण में 1.99 करोड़ का अतिरिक्त खर्च हुआ. इस मामले में यीडा ने अपने पक्ष में कंक्रीट को विकल्पों में से एक बताया, लेकिन परीक्षक ने उत्तर अस्वीकार कर दिया.
ठेकेदारों से 1.87 करोड़ रुपये नहीं वसूले गए
यमुना एक्सप्रेसवे के साथ 60 मीटर चौड़ी सड़क के खंडों का 34.57 करोड़ की लागत से निर्माण कराने के लिए तीन ठेकेदारों से अनुबंध हुआ था. बिल ऑफ क्वांटिटी के अनुसार फुटपाथ की मोटाई 505 मिलीमीटर थी, जिसमें ग्रेनुलर सब बेस 230 मिलीमीटर, वाटर मिक्स मैकडैम 250 मिलीमीटर और एसडीबीसी 25 मिलीमीटर था. निर्माण जून 2014 तक 34.12 करोड़ से पूरे हुए, लेकिन सड़क क्षतिग्रस्त हो गई. टीम ने निरीक्षण किया, जिसमें निर्माण में गड़बड़ी मिली. बाद में मरम्मत कार्यों की लागत 4.87 करोड़ आंकी गई. यीडा ने कुल लागत से 1.87 करोड़ अबतक ठेकेदारों से नहीं वसूले.