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नोएडा: शहर के चार आवासीय सेक्टरों में विकसित किए गए वेंडर जोन में 66 दुकानों (शेड) का आवंटन इस माह हो जाएगा. पंजीकरण कराने वाले 96 लोगों में से 66 ने रुपये भी जमा करा दिए हैं. वेंडर जोन में दुकानें और क्योस्क दोनों शामिल हैं. इसके विकसित होने से स्ट्रीट वेंडरों से निजात मिल जाएगी.
सेक्टरों में स्ट्रीट वेंडरों के बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हर सेक्टर में वेंडर जोन विकसित किए जाने की योजना बनाई है. एक निश्चित स्थान पर ठेला पटरी वालों को जगह आवंटित की जाएगी. इसके तहत सेक्टर बीटा-1, 2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 में 223 दुकानें बनाई गई हैं. लंबे इंतजार के बाद वेंडर जोन में जगह आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वेंडर जोन के लिए 96 लोगों ने पंजीकरण किया था.
इनमें से पात्र पाए गए 66 लोगों ने रुपये जमा करा चुके हैं. प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक, इन 66 लोगों को इस माह जगह आवंटित कर दी जाएगी. जगह का आवंटन तीन साल के लिए किया जाएगा. फल, सब्जी और फास्ट फूड के अलावा स्टेशनरी के लिए भी जगह आवंटित की जाएगी. इसके लिए क्योस्क का निर्माण किया गया है. ठेला पटरी लगाने वालों को 1.5 से 2 मीटर जगह आवंटित की जाएगी. इसका मासिक किराया 1500 रुपये होगा. वहीं, स्टेशनरी के लिए चार मीटर जगह आवंटित की जाएगी. इसका मासिक किराया 5000 रुपये होगा.
प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक, अन्य सेक्टरों में भी वेंडर जोन के लिए जगह चिन्हित की जाएगी. इसके लिए सर्वे किया जा रहा है. सेक्टरों में एक निश्चित स्थान पर व्यवस्थित तरीके से ठेली पटरी लगे, यह सुनिश्चित किया जाएगा.
डर जोन में बनी दुकानों व क्योस्क को आवंटित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है. इस माह 66 दुकानें आवंटित कर दी जाएंगी. सेक्टरों में इधर- उधर ठेला लगाने वाले लोगों को वेंडर जोन में जगह आवंटित की जाएगी. -प्रेरणा सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
स्ट्रीट वेंडरों से निजात मिलेगी: आवासीय सेक्टरों और सड़क के किनारे अवैध रेहड़ी पटरी वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. मार्केट में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. रेहड़ी पटरी लगाने वाले लोगों से अवैध वसूली की जाती है. इससे प्राधिकरण को राजस्व का नुकसान हो रहा है. यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. वेंडर जोन विकसित होने से स्ट्रीट वेंडरों से निजात मिल जाएगी.