उत्तर प्रदेश

Noida: लोन दिलाने के नाम पर 200 लोगों से ठगी, पुलिस ने किया कॉल सेंटर का पर्दाफाश

Renuka Sahu
11 Feb 2025 1:25 AM GMT
Noida:  लोन दिलाने के नाम पर 200 लोगों से ठगी, पुलिस ने किया कॉल सेंटर का पर्दाफाश
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Noida नोएडा: नोएडा में दसवीं फेल संचालक और आठवीं फेल उसके दो साथियों ने कॉल सेंटर खोलकर लोन दिलाने के नाम पर 200 से ज्यादा लोगों से ठगी की। पुलिस ने रविवार को कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर सरगना समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से चार लैपटॉप, 14 मोबाइल, एक प्रिंटर, 18 चेक बुक, 50 विजिटिंग कार्ड और नौ मुहर समेत अन्य सामान बरामद किया गया। सेक्टर-63 और सेंट्रल नोएडा जोन की साइबर टीम ने संयुक्त कार्रवाई की। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि कुछ दिन पहले साइबर हेल्प डेस्क पर सूचना मिली थी कि सेक्टर-63 के एच ब्लॉक में कुछ लोग मनी ऑन नवाकार नाम से फर्जी कंपनी चला रहे हैं।
वे लोगों को मामूली ब्याज दर पर लोन दिलाने का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इस संबंध में कुछ लोगों ने पुलिस को लिखित शिकायत भी की थी। पुलिस टीम ने संबंधित कंपनी पर छापा मारा तो वहां कई लोग काम करते मिले। पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर राजस्थान के बीकानेर निवासी 31 वर्षीय अरिहंत जैन, फिरोजाबाद के नारकी निवासी धर्मेंद्र और कासनगंज के बीना राय गेट निवासी आकाश को गिरफ्तार कर लिया। डायरेक्टर अरिहंत 10वीं फेल है, जबकि धर्मेंद्र और आकाश 8वीं फेल हैं। पूछताछ में डायरेक्टर अरिहंत और उसके साथियों ने पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया पर कंपनी का प्रचार करते हैं और लोन दिलाने के नाम पर लोगों को आकर्षित करते हैं।
इच्छुक लोग जब कंपनी के सदस्यों से संपर्क करते हैं तो उनसे प्रोसेसिंग फीस और सर्विस चार्ज के रूप में पैसे मांगे जाते हैं। पैसे ट्रांसफर करने के बाद गिरोह के सदस्य लोन स्वीकृत भी नहीं कराते। पुलिस तीनों का आपराधिक इतिहास भी खंगाल रही है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। एसीपी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने मनी ऑन नवाकार फाइनेंशियल सर्विसेज, मनी वन मैनेजमेंट सर्विसेज और नवाकार फिनविजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनियां बना रखी थीं। आरोपी लोगों को एक सप्ताह में लोन दिलाने का लालच देकर उनसे असली दस्तावेज ले लेते थे।
इसके बाद कुल लोन राशि का तीन फीसदी ले लेते थे। आरोपी बाद में 18 फीसदी जीएसटी चार्ज ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लेते थे। इसके बाद इच्छुक लोगों को यह कहकर लोन नहीं देते थे कि उनका सिविल रिकॉर्ड खराब है। साइबर पोर्टल पर आरोपियों के बैंक खातों की जांच की गई तो एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते पर तीन साइबर शिकायतें गुजरात और मध्य प्रदेश की हैं। कोटक महिंद्रा बैंक के खाते पर तीन साइबर शिकायतें दर्ज हैं। फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते पर दो साइबर शिकायतें दर्ज हैं। जांच में पता चला कि आरोपी कंपनी बनाकर अवैध रूप से लोन देने के नाम पर ग्राहकों से पैसे ले रहे थे। पिछले कई महीनों से इस कॉल सेंटर का संचालन कर ठगी की जा रही थी। आरोपी अगले महीने कंपनी का ऑफिस बंद कर फरार होने वाले थे।
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