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Noida: स्क्रैप माफिया के गिरोह और कंपनियों से जुड़े 20 खाते रडार पर
नोएडा: सामूहिक दुष्कर्म और गैंगस्टर ऐक्ट के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे स्क्रैप माफिया रवि काना के सहयोगियों और मददगारों की मुश्किलें थमने वाली नहीं है. रवि काना गिरोह और उसकी कंपनियों से जुड़े 20 बैंक खाते पुलिस के रडार पर हैं. उन खातों से रकम किन खातों में पहुंची और उसका लाभ किसने उठाया इसकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. बैंक अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खाते से निकली रकम से लाभान्वित होने वाले को भी पुलिस आरोपी बनाएगी.
कमिश्नरेट पुलिस के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार स्क्रैप माफिया रवि काना के आर्थिक साम्राज्य को पूरी तरह से ध्वस्त करने का निर्देश है. अरबों रुपये की संपत्ति कुर्क होने के बाद उसकी नई चल और अचल संपत्ति को कुर्की के लिए चिन्हित किया जा रहा है. माफिया व उसके गिरोह के कई सदस्यों के जेल जाने के बाद शहर में छोटे स्क्रैप कारोबारियों ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि इससे पहले स्क्रैप माफिया के गुर्गे जबरन स्क्रैप खरीद लेते थे. ऐसा नहीं करने पर गिरोह द्वारा प्रताड़ित किया जाता था. स्क्रैप माफिया रवि काना की मदद करने वालों की पहचान करने के साथ ही उनके खिलाफ जरूरी साक्ष्य जुटा लिए गए हैं. मददगारों के काले कारनामों का लेखा-जोखा शीर्ष अधिकारियों के पास पहुंच गया है. मदद करने वालों में कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. मददगारों में कुछ और लोग भी हैं. सूत्रों के अनुसार एक महीने के अंदर इन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जाएगी.
एक दशक भी नहीं टिका साम्राज्य एक दशक पहले कबाड़ से करोड़पति बनने तक का सफर तय करने वाले स्क्रैप माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना का साम्राज्य अब खत्म होने की कगार पर आ गया है. पुलिस 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति सीज कर चुकी है. गिरोह के ज्यादातर सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई को चुकी है. हाल फिलहाल काले कारोबार से गिरोह ने दूरी बना ली है. रवि काना और उसकी सहयोगी काजल झा की थाईलैंड में गिरफ्तारी को गिरोह के काले साम्राज्य के लिए ताबूत में आखिरी कील माना जा रहा है. एक दशक पहले तक रवि काना छोटे मोटे काम किया करता था. साल 2014 में छोटे भाई और गैंगस्टर हरेंद्र प्रधान की हत्या के बाद रवि काना पूरी तरह जुर्म की राह पर आ गया. उसने लोगों में भय पैदा करके जबरन ट्रकों से सरिया उतरवा कर कंपनियों में सप्लाई करना शुरू कर दिया. इसी बीच वह नामी बदमाश अनिल दुजाना के संपर्क में आया और उसका दाहिना हाथ बन गया. बाद में जब अनिल दुजाना पुलिस मुठभेड़ में मारा गया तो अपराध की दुनिया में वह तेजी से ऊपर बढ़ने लगा.