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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसे संचारी रोगों की रोकथाम लिए खासी सतर्कता बरती जाए. प्रदेश के सभी पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों के लिए जिलाधिकारी द्वारा एक-एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए. यह नोडल अधिकारी हर दिन सायंकाल अपने प्रभार के अस्पतालों की जांच कर व्यवस्था सुचारू बनाए रखें. चिकित्सा व स्वास्थ्य व्यवस्था में अराजकता व अव्यवस्था फैलाने की कुत्सित करने वालों से पूरी कठोरता से निपटा जाए.
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में संचारी रोगों की स्थिति की समीक्षा कर यह निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आगामी अक्टूबर माह से इसका नवीन चरण प्रारंभ होना है. इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल संचारी रोग अभियान में हमारे लिए उपयोगी होंगे. उन्होंने कहा कि कहीं भी हॉटस्पॉट की स्थिति न बनने पाए. यदि कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो वहां संबंधित नगर आयुक्त व अधिशाषी अधिकारी स्वयं पहुंच कर निरीक्षण करें. अस्पतालों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए. सभी सरकारी व निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में नए रोगियों की नियमित रिपोर्टिंग जरूर हो.
गौतमबुद्धनगर, लखनऊ कानपुर समेत 21 जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए सीएम ने कहा कि हाल के दिनों में गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, मुरादाबाद जनपद डेंगू से प्रभावित रहे हैं. बुलंदशहर में डेंगू आउटब्रेक की स्थिति भी देखी गई. जबकि बरेली, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई बदायूं, पीलीभीत और संभल में मलेरिया का असर रहा है.
इसी तरह, प्रयागराज, कानपुर नगर, बाराबंकी, कुशीनगर, संत कबीरनगर, सहारनपुर व बस्ती में चिकनगुनिया की दृष्टि से संवेदनशील हैं.
समीक्षा की खास बातें
● मुख्यमंत्री ने पशुओं में लम्पी बीमारी से बचाव के प्रबन्धन की समीक्षा की
● स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशु मेलों का आयोजन स्थगित रखा जाए,
● अन्तरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए
● लम्पी वायरस से संक्रमित गोवंश, स्वस्थ हुए गोवंश और गैर संक्रमित गोवंश के लिए पृथक-पृथक बाड़े की व्यवस्था