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लखनऊ: डीफार्मा कोर्स के लिए झूठा शपथपत्र दाखिल करने वाले पॉलीटेक्निक संस्थानों की एनओसी रद्द होगी. प्रदेश के 113 ऐसे संस्थानन चिह्नित किए हैं जिन्होंने झूठा शपथपत्र दायर किया था.
यह खुलासा 543 संस्थानों की जांच में हुआ है. इनमें से 19 संस्थानों के पास अपनी भूमि नहीं है तथा 94 ने तो दूसरे संस्थानों के नाम पर एनओसी हासिल कर ली थी.
फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया (पीसीआई) के मानकों के मुताबिक डीफार्मा कोर्स संचालित करने के लिए अलग भवन होना जरूरी है.
दोबारा हुई थी जांच फर्जी एनओसी के मामले में एक नहीं बल्कि दो-दो बार जांच के बाद झूठा शपथ पत्र देने वाली संस्थाओं की एनओसी रद् करने का कदम उठाया जा रहा है.
सबसे पहले सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने कॉलेजों की जांच की. जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई. जिसके बाद दोबारा जांच के निर्देश दिए गए. दूसरी जांच रिपोर्ट में भी झूठे शपथ पत्र से एनओसी प्राप्त करने की पुष्टि हुई.
इकोनॉमिक्स से जुड़ा कोर्स इस सत्र में नहीं
एलयू में सत्र 2023-24 में एमए बिजनेस इकोनॉमिक्स कार्यक्रम नहीं संचालित किया जाएगा. 60 फीसदी से कम आवेदन आने के कारण विवि प्रशासन ने कोर्स संचालित करने से मना कर दिया. आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को उनका आवेदन शुल्क वापस कर दिया जाएगा. प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि किसी भी पाठ्यक्रम को संचालित करने के लिए सीटों के सापेक्ष 60 फीसदी आवेदन आने चाहिए. बिजनेस इकोनॉमिक्स के लिए कम अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे. इससे सत्र 2023-24 में कोर्स का संचालन नहीं हो सकेगा.