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कोर्ट से फर्जीवाड़ा कर वाहन ट्रांसफर कराने के मामले में परिवहन अफसरों को राहत नहीं
वाराणसी: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) नपेंद्र कुमार की कोर्ट से फर्जीवाड़ा कर वाहन ट्रांसफर कराने के मामले में परिवहन अफसरों को राहत नहीं मिली. को कोर्ट ने लालपुर-पांडेयपुर थाने को तत्कालीन वाहन पंजीयन अधिकारी व लिपिक समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
लालपुर की रंजना त्रिपाठी ने अधिवक्ता अशोक मिश्र के माध्यम से कोर्ट में आवेदन दिया था. आवेदन के मुताकि रंजना के पति कमलेश कुमार के नाम कार पंजीकृत थी. कमलेश की मृत्यु 21 में हो गई थी. लगभग छह महीने बाद ससुर सूर्यमणि त्रिपाठी की भी मौत हो गई थी. कार को ड्राइवर साहिल ने उनके दूसरे आवास अशोक बिहार कालोनी (पहड़िया) में खड़ा कर दिया. स्थिति सामान्य होने पर वाहन देखने के लिए पहड़िया पहुंची तो कार गायब मिली. पता चला कि उस फ्लैट में किराये पर रहने वाली चांदनी ने नाम वाहन ट्रांसफर कर दिया गया था. इसमें एआरटीओ कार्यालय के तत्कालीन वाहन पंजीयन अधिकारी, लिपिक समेत पांच कर्मचारियों ने मदद की थी. इस बाबत प्रार्थिनी ने आरटीओ और पुलिस को जानकारी दी थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. तब उसने कोर्ट की शरण ली.
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