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गोरखपुर। गोरखपुर में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का अभाव है. अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था भी सही तरीके से नहीं चल पा रही है. एक्सरे मशीन तो लगी है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से वह सुचारू रूप से चल नहीं पा रही है. जिससे मरीजों को बाहर से एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ा है. इसके वजह से गर्भवती महिलाओं को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी है.
निजी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड एक्स-रे कराना पड़ रहा है. वहीं गोरखपुर सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि हमारे पास रेडियोलॉजिस्ट की कमी है. स्वास्थ्य केंद्रों पर तो जो जांचे नहीं हो पाती है उन्हें जिला अस्पताल व महिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. रेडियोलॉजिस्ट की कमी होने से जांच में थोड़ा समय लगता है लेकिन वहां पहुंचे सभी लोगों की जांच की जाती है. और शासन से रेडियोलॉजिस्ट की मांग की जा रही है.
जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर और रेडियोलॉजिस्ट की कमी होने से इसका फायदा निधि केंद्रों को मिलना है. मरीजों की लंबी-लंबी लाइन जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लगी हुई हैं जिससे मरीज मजबूरी में बाहर निजी केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे करवा रहा है. स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को निशुल्क उपचार के लिए दोनों जांचों के लिए जिला अस्पताल व महिला जिला अस्पताल रेफर किया जाता है. लेकिन वहां भीड़ अधिक होने और एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट होने से वे मजबूर होकर निजी केंद्रों पर चले जाते हैं.
गोरखपुर जिला अस्पताल में रोज डेढ़ सौ से अधिक गर्भवती महिलाओं की लाइन लगती है. जिससे उन्हें निजी सेंटरों पर जांच कराने जाना पड़ता है. शहर में केवल 7 सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है. इनमें जिला अस्पताल, टीवी अस्पताल ,जिला महिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, एसएसबी, रेलवे अस्पताल और एम्स है.
जिले में 7 सेंटर के अलावा किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर अल्ट्रासाउंड जांच की व्यवस्था नहीं है. और ना ही मशीन है और ना ही जांच करने वाला. जिससे इसका फायदा निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर वाले उठा रहे हैं. 21 केंद्रों पर x-ray मशीन है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट ना होने से वह धूल फांक रहे हैं.
Admin4
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