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11 दिन बाद भी नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी, मां-बेटी का मर्डर बना पुलिस की बड़ी चुनौती
वाराणसी : लंका थानांतर्गत नारिया क्षेत्र में 13 जुलाई को एक घर मे मां-बेटी का शव मिलने से सनसनी फैल गयी थी। मामले में पुलिस ने हत्या के एंगल से जांच शुरू की वहीं मृतका के बेटे से मिली तहररीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। लेकिन शव मिलने के ग्यारह दिनों के बाद भी आज तक इस हत्याकांड के बारे में पुलिस किसी नतीजे पर नही पहुंची है। जबकि इस हत्या कांड को देखते हुए मौके पर वाराणसी के डीसीपी, एडिश्नल सीपी और खुद पुलिस कमिश्नर ऐ सतीश गणेश मौके पर अलग-अलग दिनों में पहुंचे लेकिन अब तक इस हत्याकांड का खुलासा नहीं हो सका।
वहीं दूसरी ओर मृतका के बड़े बेटे और पेशे से वकील ने इसे स्थानीय दबंगो का कारनामा बताते हुए पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए और खुद को भी फसाये जाने का अंदेशा जताया है। हालांकि इस बीच एक सवाल पुलिस की ओर से भी उठाया जा रहा है कि जिस की मां और बहन की हत्या हो जाती है आखिर उसका बड़ा बेटा अब तक एक बार भी वाराणसी क्यों नही आया है।
शव मिलने के दस दिन पहले हुई थी हत्या
13 जुलाई को लंका थाने के नारिया इलाके में स्थानीय लोगो ने एक मकान से दुर्गंध आने की शिकायत की। दुर्गंध की शिकायत पर स्थानीय पार्षद के साथ पुलिस उस मकान पर पहुंची। जैसे ही मकान का दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर में नग्न अवस्था में 56 वर्षीय एक महिला और उसकी 28 वर्षीय बेटी का शव पड़ा हुआ था। शव मिलने की सूचना मात्र से ही इलाके में हड़कंप मच गया। एडिश्नल सीपी लॉ एंड आर्डर संतोष सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे। मौके पर जांच करने के बाद उन्होंने बताया कि 3 जुलाई से घर मे आने वाले अखबार को नहीं उठाया गया है इस से एक बात पुष्ट है इस घटना को 3 तारीख को ही अंजाम दिया गया है।
स्थानीय चौकी इंचार्ज सस्पेंड
कमिश्नरेट पुलिस शव मिलने के दो दिनों बाद मौके पर पहुंचे और क्राइम ब्रांच की टीम के साथ कई साक्ष्य जुटाए। मौके पर मिली जानकारी के बाद 20 जुलाई को इस मामले को लेकर कमिश्नर ने स्थानीय चौकी इंचार्ज अमित शुक्ला को सस्पेंड कर दिया। इस बीच कमिश्नर ने शक के आधार पर हिरासत में लिए गए कुछ लोगों से पूछताछ भी की थी। बाद में उन सभी लोगों को छोड़ दिया गया। इस बीच डीसीपी काशी जोन भी 21 जुलाई को घटना स्थल पर पहुंचे। लेकिन उनके हाथ भी अब तक हत्या करने वालों तक नहीं पहुंचे हैं।
मृतका के बड़े बेटे ने दिल्ली में बैठकर वीडियो जारी कर साजिश का लगाया आरोप
मृतका के दो बेटे थे। एक बेटा वाराणसी में ही एक मुर्गी फार्म में काम करता है। जबकि दूसरा बेटा द्वारका कोर्ट दिल्ली में वकील है। इस परिवार के सभी सदस्यों के बीच ज़मीन का बंटवारा हो चुका है और सभी सदस्य अलग अलग रहते थे। दिल्ली में रहने वाले मृतका के बड़े बेटे अखिलेश पांडेय ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि फरवरी महीने में भी पड़ोस में रहने वाले दबंगो ने मां और बहन के साथ मारपीट की थी। लेकिन उस समय भी कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने नहीं की।
मृतका के बड़े बेटे ने बताया कि 13 जुलाई के पहले भी मैंने स्थानीय चौकी इंचार्ज को फोन कर अनिष्ट की आशंका जताई थी, लेकिन उस वक्त भी स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बड़े बेटे अखिलेश ने कहा कि अब हत्या हो जाने के बाद भी मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को आसपास के रहने वाले दबंग लोगों के बारे में बताया, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हत्या के बाद अब तक वाराणसी नहीं आने के सवाल पर अखिलेश पांडेय ने कहा कि जैसे मेरे मां और बहन की हत्या कर दी गयी है वैसे ही मुझे भी साज़िश कर मेरी प्रॉपर्टी पर नज़र टिकाए लोग मेरी हत्या कर सकते हैं। अखिलेश ने कहा कि पुलिस मुझे ही फसा सकती है। बीते तीन दिन से मेरे छोटे भाई से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस बात की भी सूचना पुलिस के बड़े अधिकारियों को दी है। पूरी साजिश करोड़ों की जमीन पर कब्जे को लेकर की जा रही है।
क्या कहा पुलिस ने, कहा तक पहुंची जांच
मामले पर जब स्थानीय थानाध्यक्ष वेद प्रकाश राय से पूछा गया तो उन्हीने बताया कि मृतका के छोटे बेटे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर के जांच चल रही है। परिवार में आपसी विवाद भी था आसपास के लोग भी मृतका के व्यवहार के बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं। हत्या के बाद से दोनों मृतका का मोबाइल अभी तक बरामद नहीं हो पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर पर चोट लगने से मौत का कारण सामने आया है। क्राइम ब्रांच मामले की छानबीन कर रही है जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी इस मामले में नहीं हुई है। वहीं मृतक महिला के बेटे के आरोपों पर वेद प्रकाश राय ने कहा कि उनको पुलिस के सामने आकर जांच में सहयोग करना चाहिए और अपना पक्ष रखना चाहिए।