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बिलासपुर: एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनएमएल ने कोयला खनन में कदम रखा है। प्रतिवर्ष चार मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल) ने कोयला मंत्रालय द्वारा हाल ही में संपन्न कोयला ब्लॉक नीलामी में उत्तरी धादु (पूर्व) कोयला ब्लॉक के लिए बोली जीती। एनटीपीसी कोलडैम कार्यपालक जनसंपर्क अधिकारी अर्निशा डाबले ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कठोर प्रयासों और रणनीतिक योजना के बाद एनएमएल ने झारखंड में उत्तरी धादु (पूर्व) कोयला ब्लॉक से कोयला विकसित करने और निकालने का अधिकार सुरक्षित कर लिया है जिसमें 439 मिलियन टन का भंडार है और अधिकतम क्षमता 4 मिलियन टन प्रति वर्ष है। यह एनएमएल की पहली व्यावसायिक कोयला खदान होगी। उन्होंने बताया कि यह सफल बोली एनएमएल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाती है जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में एनएमएल यह सुनिश्चित करेगा कि सभी खनन गतिविधियां उच्चतम सुरक्षा और स्थिरता मानकों का पालन करते हुए पर्यावरण की अत्यधिक देखभाल के साथ की जाएं। उन्होंने बताया कि कोयला ब्लॉक नीलामी में सफल बोली एनटीपीसी की मजबूत दृष्टि, दृढ़ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
उत्पादन करने से विकास के साथ मिलेगा रोजगार
एनएमएल कंपनी की ओर से कोयला खनन करने से जहां उत्पादन कर विकास होगा वहीं रोजगार के साधन भी विकसित होंगे। यह रोजगार ट्रांसपोटेशन से लेकर अन्य उत्पादन के क्षेत्र में सृजित होगा। साथ कोयले से विभिन्न प्रकार का उत्पादन भी किया जा सकेगा जो विकास को तय करेगा ही साथ में ही देश की आर्थिकी को भी मजबूत करेगा।