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उत्तर प्रदेश
घोटाले की जांच में नौ मोबाइल वैन अटकी, रास्ता दो महीने के लिए बंद
Deepa Sahu
12 July 2022 12:52 PM GMT
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उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में हुए.
बरेली। उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग में हुए, करोड़ों के घोटाले ने बरेली को नौ मोबाइल वैन मिलने का रास्ता दो महीने के लिए बंद कर दिया है। चूंकि दवाओं की उपलब्धता के बगैर मोबाइल वैन का इस्तेमाल संभव नहीं है और दवाएं अधोमानक बताई जा रही हैं, इस कारण शासन ने इस पर रोक लगा दी है।
प्रदेश सरकार ने अप्रैल में पशुओं का इलाज घर-घर जाकर करने के लिए हर जनपद को मोबाइल वैन मुहैया कराने का फैसला लिया था। इस मोबाइल वैन के संचालन के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए भर्तियां होनी थीं जिसमें एक चिकित्सक, एक कर्मचारी व एक चालक का स्टाफ शामिल था। यह प्रक्रिया शासन स्तर से पूरी हो गई थी। बरेली को नौ मोबाइल वैन जुलाई में मिलनी थी। यहां के अधिकारी वैन का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच राजकीय विश्लेषक की रिपोर्ट में करोड़ों के घोटाले की पुष्टि हो गई। दवाओं से लेकर मास्क, सिरिंज आदि के नाम पर घोटाला हुआ है। बताते हैं कि इसी कारण सरकार ने दो महीने के लिए मोबाइल वैन देने से मना कर दिया है।
आठ लाख से अधिक पशुओं के लिए आती हैं वैक्सीन व दवाएं
बरेली में आठ लाख से अधिक पशु हैं। 20 से अधिक पशुचिकित्सा केंद्र हैं। इन सभी में दवाएं से लेकर वैक्सीन, सिरिंज आदि शासन स्तर से ही सप्लाई की जाती हैं। हर माह बड़ी संख्या में दवाएं मांग के आधार पर यहां आती हैं। पशुओं के इलाज में प्रयोग होने वाली 40 से अधिक दवाएं विभाग के पास मौजूद हैं लेकिन कौनसी दवाएं अधोमानक की हैं इसके बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिली। विभाग का यहां अपना एक सेंट्रल दवा स्टोर है। वहीं से दवाएं पशुचिकित्सा केंद्रों पर जाती हैं। बताते हैं कि हर माह 10 से 15 लाख की दवाएं यहां भी आती हैं। स्थानीय पशुपालन विभाग में भी दो साल का ऑडिट मार्च में किया गया था लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
खुरपका, मुंहपका और गलघोंटू की वैक्सीन भी आती है शासन से
पशुपालन विभाग हर साल पशुओं का टीकाकरण करता है। खुरपका-मुंहपका व गलघोंटू रोग की रोकथाम के लिए वैक्सीन यहां आती हैं। यह वैक्सीन काफी महंगी होती हैं। वर्तमान में पशुपाल विभाग गलघोंटू के लिए वैक्सीन लगा रहा है। 94 हजार पशुओं का टीकाकरण किया गया है। अभियान धीमा चल रहा है। विभाग को अब तक पौने दो लाख वैक्सीन मिल चुकी हैं। यह वैक्सीन केंद्र से प्रदेश सरकार के जरिए विभाग तक पहुंचती हैं। घोटाले की जद में यह वैक्सीन आई हैं या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
बरेली को नौ मोबाइल वैन मिलनी थी लेकिन इस पर दो महीने के लिए रोक लगा दी गई। इसका कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अधोमानक की दवाएं कौनसी हैं और उन्हें वापस करना है या नहीं, इस बारे में अभी शासन से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। - डॉ. ललित कुमार वर्मा, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी
Deepa Sahu
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