उत्तर प्रदेश

ताज वन ब्लॉक में अवैध खनन पर एनजीटी टीम ने देखी हकीकत

Kajal Dubey
27 July 2022 5:24 PM GMT
ताज वन ब्लॉक में अवैध खनन पर एनजीटी टीम ने देखी हकीकत
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ताजमहल के पास ताज संरक्षित वन क्षेत्र में मिट्टी के अवैध खनन से जुड़े मामले की जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की टीम ने मंगलवार को मौके का मुआयना कर हकीकत जानी। टीम ने वन क्षेत्र और यमुना नदी के खादरों का निरीक्षण किया, जहां से खनन किया गया था। टीम के सवालों पर अधिकारी जवाब न दे सके। एनजीटी की टीम अपनी रिपोर्ट तीन अगस्त की सुनवाई से पहले दाखिल करेगी।
ताज संरक्षित वन क्षेत्र और डूब क्षेत्र के खादरों में मिट्टी के अवैध खनन की शिकायत पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने एनजीटी में की थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि खनन के जरिए ताजमहल के आसपास के क्षेत्र व यमुना के प्रतिबंधित डूब क्षेत्र और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनजीटी के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ सदस्य डा. अफरोज अहमद की बेंच ने स्थिति में तुरंत सुधार को संयुक्त समिति गठित की थी।
दो माह में देनी है रिपोर्ट
समिति में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के रीजनल ऑफिस लखनऊ, ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम को शामिल किया गया था। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया था। समिति को अपनी रिपोर्ट दो माह में एनजीटी को देनी है। इस वाद में तीन अगस्त को सुनवाई होनी है।
टीम के सामने खनन के सबूत मिले
डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि वह दोपहर में टीम केसाथ निरीक्षण के लिए पहुंचे, पर तब तक टीम निरीक्षण कर लौटने लगी थी। उन्होंने दोबारा आग्रह किया और उनके साथ ताज वन ब्लॉक में एनजीटी टीम को ले गए। टीम को उन्होंने मिट्टी खनन के सबूत दिखाए। पारिस्थितिकी तंत्र में हुए बदलाव को दिखाया।
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