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प्रतापगढ़: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओवर साइट कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में अफसरों की टीम ने सई नदी किनारे बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. सीवेज लाइन का घर-घर कनेक्शन नहीं किए जाने पर जलनिगम के अफसरों से पूछा, नई सीवर लाइन क्यों नहीं बिछाई गई. जवाब नहीं मिलने पर फटकार लगाई.
करीब 11 बजे बेल्हा पहुंची एनजीटी की टीम में शामिल अफसर करीब 20 मिनट तक पीडब्ल्यूडी डाकबंगले में रहे. इसके बाद सीधे सई नदी किनारे बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर पहुंचे. टीम का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति सुरेन्द्र विक्रम सिंह ने सबसे पहले प्लांट संचालित कराया और उसकी गुणवत्ता जांची. सब कुछ दुरुस्त मिलने पर अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका रामअचल कुरील से पूछा इसे कार्यदाई संस्था से लिया क्यों नहीं गया. ईओ ने प्लांट संचालन के लिए बजट की कमी बताई तो वह झल्ला उठे. सीवर लाइन की समीक्षा में बताया गया कि पहले से बिछाई गई पाइप लाइन निष्क्रिय है ऐसे में नई सीवर लाइन बिछाने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन जलनिगम की ओर से अब तक इसकी शुरुआत नहीं की गई. इस पर उन्होंने जलनिगम नगरीय प्रयागराज के अफसरों को जमकर फटकारा और सीवर लाइन बिछाने का निर्देश दिया. इस दौरान एनजीटी कमेटी के सदस्य अनंत सिंह, जलनिगम प्रयागराज के अफसर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रायबरेली के अफसर मौजूद रहे.
13 एमएलडी क्षेता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का निर्देश एनजीटी टीम का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति सुरेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि वर्तमान में सई नदी किनारे स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 8.95 एमएलडी क्षमता का है. जो शहर को प्रदूषण से सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसे में गायघाट रोड पर सई किनारे एक नये सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जाए और शहर में नई सीवर लाइन का निर्माण कर घर-घर कनेक्शन दिए जाएं. जिससे शहर को प्रदूषण मुक्त किया जा सके.