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सीमेंट इकाइयों पर एनजीटी का शिकंजा, स्लाटर हाउस की भी जांच होगी
अलीगढ़ न्यूज़: सीमेंट इकाईयों व स्लाटर हाउस में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने सख्त रुख अपना लिया है. अलीगढ़ पहुंचे नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के अफसरों ने जेके, मंगलम व अल्ट्राटेक सीमेंट का भौतिक सत्यापन किया. सीमेंट उतरने वाली साइडिंग का निरीक्षण किया. वहीं दूसरी ओर स्लाटर हाउसों के खिलाफ जांच को शासन ने कमेटी गठित कर दी है.
वायु व जल प्रदूषण फैलानों वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जनपद में हो सकती है. अलीगढ़ के कासिमपुर के आस-पास तीन सीमेंट इकाईयां उत्पादन करती हैं. तीनों की जुलाई 2022 में शिकायत हुई थी. ग्रामीणों ने शिकायत की थी यहां पर राख उड़ती है और पानी का अति दोहन हो रहा. साथ ही इकाईयों से निकलने वाला पानी फसलों को बर्बाद कर रहा है. मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जेके सीमेंट की जांच की थी, जिमसें वायु प्रदूषण अधिक मिला था और मानक के विपरीत उत्पादन होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 20 लाख रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की संस्तुति की थी. अल्ट्राटेक, जेके सीमेंट व मंगलम सीमेंट में एक्यूआई 300 माइक्रो ग्राम घनमीटर से अधिक मिला था. पांच मार्च 2023 को एनजीटी के अफसरों की टीम अलीगढ़ आई. कासिमपुर व जवां क्षेत्र में संचालित तीनों सीमेंट इकाईयों का भौतिक सत्यापन किया. भौतिक सत्यापन के बाद साइडिंग का भी निरीक्षण किया.
स्लाटर हाउसों की जांच को शासन ने गठित की कमेटी
सीमेंट इकाईयों के साथ स्लाटर हाउसों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. अलीगढ़ मथुरा बाईपास पर संचालित हो रही मीट इकाईयों की शिकायत हुई है और स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में खामियां पाई गई हैं. जिसके आधार पर शासन ने जांच को कमेटी गठित कर दी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास कमेटी गठन का आदेश शासन से आ चुका है. शासन व जनपद स्तरीय टीम स्लाटर हाउसों की जांच करेगी. इसमें मीट निर्यात करने वाली बड़ी इकाईयां शामिल हैं.
उत्पादन यूनिट से लेकर साइडिंग तक में खामियां मिली
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. जेपी सिंह ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के अफसरों ने जेके, मंगलम व अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी का भौतिक सत्यापन किया है. अलीगढ़ आए एनजीटी के अफसरों उत्पादन यूनिट से लेकर साइडिंग तक में खामियां मिली हैं. पूर्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जेके सीमेंट पर 20 लाख रुपये की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की संस्तुति की थी. तीनों इकाईयों में एक्यूआई मानक से अधिक मिला था. स्लाटर हाउसों की जांच को शासन ने कमेटी गठित कर दी है. स्लाटर हाउसों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों की अनदेखी जा रही है. जल व वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.