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इलाहाबाद न्यूज़: इसी सप्ताह नगर निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना जारी हो सकती है. राजनीतिक दल और निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे लोगों की नजर सुप्रीम कोर्ट पर होगी. निकाय चुनाव के लिए दोबारा कराए गई पिछड़ी जाति की गणना पर रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में पेश होगी.
न्यायालय से हरी झंडी मिलते ही शासन नए सिरे से महापौर सीट और वार्डों के आरक्षण की अधिसूचना जारी कर देगा. इसमें प्रयागराज की महापौर सीट और वार्डों के आरक्षण बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं. चुनाव को लेकर नगर निगम और नगर पंचायत क्षेत्र हलचल बढ़ गई है. चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले एकबार फिर सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं. खास बात यह है दूसरी बार कराई गई पिछड़ी जाति की गणना में प्रयागराज नगर निगम में कोई फेरबदल नहीं हुआ है. पहली बार हुई गणना में 100 वार्डों में पिछड़ी जाति के 57 हजार 495 परिवार और दो लाख 98 हजार 238 सदस्य थे. एक अधिकारी ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ी जाति 19.48 प्रतिशत थी. प्रयागराज में इसी आंकड़े के आधार पर पूर्व में घोषित महापौर की सीट और वार्डों के आरक्षण में कुछ बदलाव की संभावना है.
कैंट चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में ऊहापोह
कैंट के सात वार्डों में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में अभी भी ऊहापोह है. चुनाव में राजनीतिक दल अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतार सकते हैं. पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी उतारा था. भाजपा सात वार्डों में प्रत्याशी उतारना चाहती है, लेकिन पार्टी नेतृत्व अधिकृत तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा इस बार भी चुनाव में प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं हैं.