उत्तर प्रदेश

यूपी में पड़ोसी ने रात में मासूम बच्ची से किया दुष्कर्म, ड्यूटी पर गई थी मां

Admin4
30 Oct 2022 2:53 PM GMT
यूपी में पड़ोसी ने रात में मासूम बच्ची से किया दुष्कर्म, ड्यूटी पर गई थी मां
x
गाजियाबाद। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में शनिवार रात घर में नाबालिग भाई-बहन के साथ मौजूद छह वर्षीय बच्ची के साथ पड़ोसी युवक ने डिजिटल दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां ने उसके खिलाफ स्थानीय कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपित फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में एक महिला 14 व छह साल के बेटी और नौ साल के बेटे के साथ रहती है। बताया गया कि उसके पति की मौत हो गई है। वह एक निजी अस्पताल में नर्सिंग का काम करती है। शनिवार रात में वह ड्यूटी पर गई। रविवार सुबह वापस आई तो बच्चे उससे लिपट कर रोने लगे। उसने बच्चों को ढांढ़स बंधाया।
बड़ी बेटी ने बताया कि पड़ोसी युवक ने बहन के साथ रात में डिजिटल दुष्कर्म किया है। यह सुनकर उसके होश उड़ गए। वह पड़ोसी के कमरे पर गई तो पता चला कि वह रात से फरार है। उसने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेजा।
मामले की छानबीन शुरू की। इंदिरापुरम कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवपाल सिंह पुंडीर ने बताया कि पीड़िता की मां ने आरोपित के खिलाफ नामजद शिकायत दी है। उसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके आरोपित की तलाश की जा रही है।
डिजिटल दुष्कर्म सुनने में लगता है कि इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला दुष्कर्म लेकिन ऐसा कतई नहीं है। अंग्रेजी शब्दकोश में डिजिट का मतलब हाथ पैर की अंगुलियां या अंगूठे होते हैं। कोई व्यक्ति यदि किसी बच्ची, युवती या महिला की सहमति के बिना अंगुलियों या अंगूठे से उसके गुप्तांग को छेड़ता है तो वह डिजिटल दुष्कर्म कहलता है।
इस अपराध को वर्ष 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के माध्यम से भारतीय दंड संहिता में शामिल किया गया था। इसे निर्भया अधिनियम भी कहा जाता है। बता दें कि साल-2012 में निर्भया केस के बाद से दुष्कर्म के कानून में कई बदलाव किए गए, जिसमें ये भी शामिल था। साल-2013 के बाद दुष्कर्म का मतलब सिर्फ संभोग तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसमें कई नियम जुड़ चुके हैं।
डिजिटल दुष्कर्म के ज्यादतर मामले में आरोपित पीड़िता का करीबी होता है। कानून के अनुसार, डिजिटल अपराध में अपराधी को पांच साल जेल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में, यह सजा 10 साल या आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है।
Next Story