उत्तर प्रदेश

गोरखपुर में पड़ोसी ने छात्र का अपहरण किया फिर की हत्या

HARRY
11 May 2023 4:03 PM GMT
गोरखपुर में पड़ोसी ने छात्र का अपहरण किया फिर की हत्या
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जानिए पूरा मामला

गोरखपुर, गोरखपुर जिले में दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां पड़ोसी ने छात्र का अपहरण करने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। हाथ, पैर बांधने के बाद मुंह में कपड़ा ठूंसकर गला दबाया गया था। देर रात पुलिया के नीचे अचेतावस्था में मिले छात्र को हरपुर-बुदहट थाना पुलिस ने बीआरडी में भर्ती कराया था। अपहरण के आरोपित पड़ोसी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

यह है पूरा मामला

हरपुर-बुदहट क्षेत्र के गोरेडीह निवासी सत्यनारायण सिंह गीडा की फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। पांच भाई बहनों में चौथे नंबर का उनका 11 वर्षीय पुत्र आयुष सिंह गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा तीन का छात्र था। बुधवार की सुबह 11.30 बजे स्कूल से लौटते समय पड़ोसी रामसिंह अपनी बाइक से लेकर चला गया। देर शाम तक आयुष के घर न पहुंचने पर बहनों ने खोजबीन शुरू की। पता न चलने पर सत्यनारायण को बताया। साथ में पढ़ने वाले गांव के बच्चों से पूछने पर पता चला कि आयुष को रामसिंह अपनी बाइक से ले गया था।

सत्यनारायण के पूछने पर उसने जानकारी होने से इंकार कर दिया जिसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी हरपुर-बुदहट थाना पुलिस को देने के साथ ही अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। आरोपित को हिरासत में लेकर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। रामसिंह की निशानदेही पर रात एक बजे कटाई टीकर के पास पुलिया के नीचे आयुष को बरामद किया। उसके दोनों हाथ-पैर बंधे होने के साथ ही मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। अचेतावस्था में पुलिस बीआरडी मेडिकल कालेज ले गई जहां गुरुवार की सुबह आयुष की मृत्यु हो गई। रामसिंह ने आयुष की हत्या क्यों की पुलिस इसकी जांच कर रही है।

पांच वर्ष पहले हो गई थी मां की मृत्यु

आयुष के मां की मृत्यु पांच वर्ष पहले हो गई थी। उसकी देखभाल बड़ी बहन अंबिका, अंकिता, अनामिका करती थीं। सात वर्ष की राखी सबसे छोटी है। एकलौते भाई की हत्या के बाद बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

सात वर्ष पहले की थी ट्रक मालिक की हत्या

रामसिंह ने सात वर्ष पहले खोराबार क्षेत्र में ट्रक लूटने के लिए मालिक की हत्या कर दी थी। ट्रक सिखाने के बहाने उन्हें अपने साथ ले गया था। खोराबार थाना पुलिस ने आरोपित को जेल भेजा था, इस मामले में वह चार वर्ष बाद जेल से छूटा था।

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