उत्तर प्रदेश

जिला अस्पताल में आईसीयू में एक साल में करीब 90 फीसदी मरीजों को जीवन मिला

Admindelhi1
23 May 2024 4:53 AM GMT
जिला अस्पताल में आईसीयू में एक साल में करीब 90 फीसदी मरीजों को जीवन मिला
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अत्यंत गंभीर हालत में पहुंचे 153 मरीजों की जान गई

नोएडा: सेक्टर 39 स्थित जिला अस्पताल में आईसीयू में एक साल में करीब 90 फीसदी मरीजों को जीवन मिला है. 21 जून से दोबारा शुरू हुए आईसीयू में अब तक 1253 मरीज भर्ती हुए हैं. इनमें से 10 मरीज ठीक हुए हैं. वहीं अत्यंत गंभीर हालत में पहुंचे 153 मरीजों की जान गई है.

जिला अस्पताल में कोविड के दौरान आईसीयू शुरू हुआ था. इसमें कोविड की दूसरी तरह के दौरान बड़ी संख्या में मरीज भर्ती किए गए थे. कोविड की लहर खत्म होने के बाद आईसीयू बंद कर दिया गया था.

अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि बीते साल जून में आईसीयू के वेंटिलेंटर समेत अन्य बंद सामान को निकलवाया गया. इसके बाद सभी सामान को दुरुस्त कराकर आईसीयू को शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि 20 बिस्तरों वाले आईसीयू में सभी बेड पर ऑक्सीजन युक्त हैं.

आईसीयू के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और दक्ष स्टाफ की कमी के बाद भी इसे शुरू किया गया. इसमें कोविड के लिए नियुक्त हुए डॉक्टर और स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई. स्टाफ को वेटिंलेटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद इस साल नौ तक 10 मरीजों को ठीक किया गया. इनमें से कुछ मरीज ऐसे थे, जिनका स्वास्थ्य स्थिर करने के बाद उन्हें सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर किया गया है. अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ. असद ने कहा कि आईसीयू में टेक्नीशियन नहीं है. ऐसे में उन्होंने पैरामेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर चलाने समेत आईसीयू के लिए प्रशिक्षण दिया है. उनका कहना है कि आईसीयू के लिए कुछ विशेष दवाओं की जरूरत होती है. यदि वे उपलब्ध होनी शुरू हो जाएंगी तो आईसीयू की सेवाएं और बेहतर हो सकेंगी. डॉ. असद ने कहा कि आईसीयू में हर तरह की बीमारी से पीड़ित मरीज पहुंचते हैं. इसमें जगर खाने, फूड प्वाइजनिंग, सांस लेने में तकलीफ, दिल का दौरा या हृदय की अन्य समस्या से पीड़ित मरीज, नेफ्रो और न्यूरो के रोगी शामिल हैं.

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