उत्तर प्रदेश

NCSC ने दिया FIR का निर्देश, हापुड़ में दलित छात्राओं से यूनिफॉर्म उतरवाने का मामला गरमाया, शिक्षक निलंबित

Admin4
30 July 2022 1:38 PM GMT
NCSC ने दिया FIR का निर्देश, हापुड़ में दलित छात्राओं से यूनिफॉर्म उतरवाने का मामला गरमाया, शिक्षक निलंबित
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हापुड़: हापुड़ में छात्राओं का यूनिफॉर्म उतारे जाने का मामला अब गरमा गया है। हापुड़ में दो बच्चियों का स्कूल में यूनिफॉर्म उतरवा कर उच्च जाति की लड़कियों को दिए जाने का मामला सामने आया है। मामला गरमाते ही यूपी के शिक्षा विभाग ने पूरी घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जति आयोग (NCSC) ने इस पूरे मामले पर कड़ा रुख अपनाया है। एनसीएससी ने इस घटना के संबंध में यूपी सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने मामले में इसके बाद कमिटी गठित करते हुए विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले में हापुड़ की डीएम मेधा रूपम ने कहा कि पुलिस को भी इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

यूपी के हापुड़ में 11 जुलाई को एक स्कूल के चौथी कक्षा की छात्रा के यूनिफॉर्म उतरवाने का मामला सामने आया। इस मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि उनके यूनिफॉर्म को लेकर ऊंची जाति की छात्राओं को दिया गया। क्लास की फोटो के दौरान ऊंची जाति की छात्राओं के यूनिफार्म में नहीं आने के कारण उनके यूनिफार्म को उतरवा कर उन्हें दिया गया। छात्राओं ने जब इसका विरोध किया तो उन्हें स्कूल से निकालने की धमकी दी गई। मामला सामने आने के बाद बुनियादी शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता ने इस घटना में आरोपी बताए जा रहे दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

छात्राओं के यूनिफॉर्म उतरवाए जाने के मामले को एनजीओ शोषित क्रांति दल ने उठाया और सोशल मीडिया पर इसके बाद मामला वायरल हो गया। घटना के संबंध में पीड़ित एक लड़की के पिता ने कहा कि उन पर मामले को दबाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत के बाद भी अब तक आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई। उनका आरोप है कि उनके साथ-साथ अन्य ग्रामीणों पर भी चुप रहने का दबाव बनाया जा रहा है। पीड़िता के पिता ने कहा कि घटना के बाद हमने डीएम कार्यालय में शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

इस पूरे मामले को उठाने वाले शोषित क्रांति दल के रविकांत ने कहा कि एक सप्ताह हो गया और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। आरोपी शिक्षक लड़कियों के परिवारों पर दबाव बनने के लिए पंचायत कर रहे हैं। दलितों को दबाने की यह बड़ी कोशिश है। आप इसे और कैसे परिभाषित करेंगे? इस मामले में एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एनसीएससी के अध्यक्ष विजय सांपला के पूरे मामले में रिपोर्ट मांगे जाने के बाद कार्रवाई हो रही है। महिला कॉन्स्टेबल के साथ गई टीम ने पीड़ित लड़कियों का बयान लिया है।

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