उत्तर प्रदेश

आचार संहिता उल्लंघन के सात साल पुराने मामले में नवेद मियां को तीन माह की सजा

Renuka Sahu
2 Aug 2022 2:50 AM GMT
Naved Mian sentenced to three months in a seven-year-old case of violation of the code of conduct
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फाइल फोटो 

आचार संहिता उल्लंघन के सात साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार संहिता उल्लंघन के सात साल पुराने मामले में पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने नवेद मियां को तीन माह की कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि नवेद मियां की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर उन्हें अपील दायर होने तक अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया।

आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला 2015 के चुनाव का है। स्वार के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी दयाराम ने अजीमनगर में 25 अक्तूबर 2015 को मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी नवेद मियां ने अपने समर्थकों के साथ ग्राम पंचायत सोनकपुर के मझरा चांद में सोसायटी से नूरी मस्जिद तक सीसी रोड एवं नाली निर्माण का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने सीसी रोड निर्माण की घोषणा की। पुलिस ने मुकदमे की विवेचना करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। एमपी-एमएलए की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से वादी मुकदमा सहित तीन गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का घटना से कोई संबंध नहीं है और न ही पत्रावली पर उनके खिलाफ कोई सबूत है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए एक अगस्त की तारीख तय की थी। सहायक अभियोजन अधिकारी नीरज कुमार और हृदयेश कुमार के अनुसार एमपी-एमएलए कोर्ट (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम) निशांत मान ने नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को धारा 171 के तहत तीन माह का साधारण कारावास और एक हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद नवेद मियां की ओर से सेशन कोर्ट में अपील दायर करने के लिए जमानत अर्जी दाखिल की गई। इस पर कोर्ट ने उनको अंतरिम जमानत देते हुए रिहा करने के आदेश दिए।
सजा का ऐलान होते ही नवेद सर्मथकों के उड़े होश
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को जब सजा सुनाई गई तो उनका ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों के भी चेहरों की हवाइयां उड़ गईं। नवेद मियां की ओर से बाद में उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। इस पर कोर्ट ने अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। तब जाकर समर्थकों ने राहत की सांस ली।
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