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उत्तर प्रदेश
मुजफ्फरनगर : ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल व मुख्य सड़क बनाने की मांग की, लेकिन फिर भी सुनवाई नहीं हुई
Bhumika Sahu
7 Aug 2022 5:09 AM GMT
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प्रशासन से पुल व मुख्य सड़क बनाने की मांग की
मुज़फ्फरनगर. सरकार ग्रामीण क्षेत्र में विकास करने के बड़े दावों के साथ बड़ी राशि भी खर्च करने के दावे करती है। किन्तु सरकार के दावों की पोल उस समय खुल जाती है जब धरातल पर विकास कहीं देखता नजर नहीं आता है. नहर किनारे आबाद गाँव खेड़ीफ़िरोज़ाबाद आज उपेक्षा व अनदेखी के चलते विकास में पिछड़ गया है. नहर बने पुल के टूटने की आशंका के कारण बंद होने व मुख्य मार्ग के टूट जाने से ग्रामीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल व मुख्य मार्ग के बनवाने की मांग प्रशासन से की है.
मुज़फ्फरनगर जिले के मोरना ब्लॉक् क्षेत्र में लगभग आठ हज़ार की आबादी वाले गांव खेड़ीफ़िरोज़ाबाद जिला मुख्यालय से 17 कि. मी.दूर तो तहसील मुख्यालय से दूरी मात्र 8 कि मी. है. गाँव को तहसील जानसठ मुख्यालय से जोड़ने वाले मार्ग पर कुछ वर्ष पूर्व पुराने पुल के स्थान पर नवीन पुल का निर्माण किया गया था. नए पुल में दरार आने के कारण उसमें आई दरारों के कारण पुल को बंद कर दिया गया है, जिससे तहसील मुख्यालय सहित निकटवर्ती गाँव पिमोडा,मलिकपुरा व कवाल आदि गाँव से सीधा सम्पर्क टूट गया है. अन्य मार्गों के द्वारा अधिक दूरी तय कर उन्हें इन स्थानों पर जाना पड़ रहा है, जिसमे समय की बरबादगी होती है.
गाँव के प्रसिद्ध समाजसेवी करतार सिंह फौजी,मा.कृष्णपाल सिंह,शेदा हसन एडवोकेट ने बताया कि जौली से वाया मुज़फ्फरनगर जाने वाला मार्ग खस्ताहाल है. वहीं नहर पुल के बन्द हो जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जौली से जटवाड़ा पुल तक मार्ग का दोहरीकरण किया जाए जिससे खेड़ीफ़िरोज़बाद, कमहेड़ा,ढांसरी सहित दर्जनों गांवो के लिए विकास होगा व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. खेड़ीफ़िरोज़ाबाद के तीन बार की ग्राम प्रधान हसीबा बेगम के पति शाहनवाज़ ने बताया कि क्षेत्रीय सांसद मलूक नागर द्वारा संसद में खेड़ीफिरोजाबाद के टूटे पुल के बारे में मुद्दा उठाया चुका है. पुल के निर्माण व मार्ग के दोहरीकरण के प्रयास में वह जुटे हुए हैं.
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