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Muzaffarnagar: सपा प्रदेश अध्यक्ष के आरोप दिखने लगे सच
मुजफ्फरनगर: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने तीन दिन पहले चुनाव आयोग को लिखित शिकायत की थी कि मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट के उपचुनाव में निर्वाचन अधिकारी और जानसठ के एसडीएम, प्रदेश सरकार के मंत्री के अति नजदीकी रिश्तेदार हैं, इसलिए वे पक्षपात पूर्ण कार्यवाही कर रहे हैं। देखें शिकायत:
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से जानसठ के एसडीएम सुबोध कुमार को निर्वाचन अधिकारी के पद से हटाने की मांग की थी, उस समय सपा अध्यक्ष का उक्त पत्र केवल एक राजनीतिक आरोप मात्र दिखाई दे रहा था ।
लेकिन आज राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की प्रत्याशी मिथलेश पाल के नामांकन में जो दिखा, उससे साफ दिख गया कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष शायद सही ही कह रहे थे और निर्वाचन अधिकारी सुबोध कुमार निष्पक्ष नहीं, बल्कि सत्ता के दबाव में दिख रहे हैं।
चुनाव आयोग का स्पष्ट आदेश है कि निर्वाचन के नामांकन के समय अधिकतम पांच व्यक्ति ही प्रत्याशी के साथ नामांकन कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। साथ ही निर्वाचन अधिकारी अपनी सीट पर बैठे हुए ही नामांकन पत्र प्राप्त करते हैं, सामने भले ही कितनी भी प्रभावशाली हस्ती क्यों न नामांकन कर रही हो ।
वाराणसी में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब नामांकन करने के लिए गए थे,तब वहां के जिलाधिकारी ने बैठकर ही उनका नामांकन पत्र स्वीकार किया था जबकि प्रधानमंत्री खड़े हुए थे,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी साथ ही खड़े थे
आज जब मीरापुर से रालोद की प्रत्याशी नामांकन करने गई तो निर्वाचन अधिकारी और जानसठ के एसडीएम सुबोध कुमार ने खड़े होकर और बड़ा सम्मान देते हुए उनका नामांकन पत्र स्वीकार किया
दरअसल सामने उनके अति नजदीकी रिश्तेदार बताए जा रहे, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर के प्रभारी मंत्री सोमेंद्र तोमर नामांकन कराने खुद आए थे।
ऊर्जा राज्य मंत्री के साथ रालोद कोटे के कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, बिजनौर के सांसद चंदन चौहान, शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर सैनी, राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष संदीप मलिक जैसे इस समय सत्ता के सभी राजनीतिक दिग्गज भी साथ ही नामांकन कराने आए थे।
मिथलेश पाल के नामांकन के समय निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में 5 से अधिक व्यक्ति न होने का कानून भी आज टूटता दिखा, क्योंकि मिथलेश समेत 7 नेता उस समय कक्ष में मौजूद थे।
आपको याद दिला दे कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था कि जब कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वायनाड से
नामांकन दाखिल करने गई थी,तो उस समय उस कक्ष में पांच व्यक्ति मौजूद थे, तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नामांकन कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया गया था और वह बाहर से झांक रहे थे
जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भाजपा ने जमकर हमला किया था, बाद में जब वहां से बाकी लोग बाहर निकल गए तब नामांकन करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे कक्ष में अंदर गए थे।
आज मिथिलेश पाल के नामांकन ने ही साफ कर दिया है कि उपचुनाव में प्रशासन का रुख कैसा रहने वाला है ? और यह विपक्षी दलों के माथे पर चिंता की लकीर जरूर पैदा कर देगा ।