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सरसों का तेल असली है या नकली, एक रुपए की स्ट्रिप बता देगी
बाजार में बिकने वाला सरसों का तेल असली है या नकली इसकी पहचान अब बहुत ही आसान तरीके से की जा सकेगी। भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आइआइटीआर, लखनऊ के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी स्ट्रिप तैयार की है, जो मिनटों में सरसों तेल में मिलावट को बता देती है। एक रुपए से कम लागत में तैयार यह स्ट्रिप क्रोमोजेनिक टेस्ट स्ट्रिप के नाम से उपलब्ध है। स्ट्रिप पर सरसों के तेल की एक बूंद डालने पर अगर स्ट्रिप का रंग बदल जाए तो समझा जाता है कि सरसों का तेल नकली है। या फिर इसमें मिलावट की गयी है।
बहुत सस्ती होगी असली-नकली की जांच
आइआइटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप वर्मा ने बताया कि यह स्ट्रिप सरसों तेल में मिलावटखोरी का खुलासा करने में बहुत कारगर होगी। वर्मा का कहना है कि उनकी टीम ने एक साल से अधिक समय तक रिसर्च कर यह स्ट्रिप तैयार की है। जल्द ही इस टेक्नालॉजी को किसी कंपनी को ट्रांसफर किया जाएगा। कंपनी फिर इस प्रोडक्ट को बाजार में उतारेगी। पेपर बेस्ड क्रोमोजेनिक टेस्ट स्ट्रिप की कीमत अधिक से अधिक एक रूपए होगी जबकि टेस्ट मशीन की कीमत 500 रुपए तक हो सकती है।
सरसों तेल में इस तरह मिलावट
देश में सरसों तेल की डिमांड सबसे ज्यादा है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से बाजारों में सरसों की आवक कम है। यही वजह है कि सरसों तेल का भाव भी लगातार ऊपर चढ़ रहा है। ऐसे में सरसों तेल में दुकानदार आर्जीमोन के बीज, बटर येलो और करंजा बीज मिलाते हैं। इस स्ट्रिप से इन सबकी पहचान आसान हो जाएगी।
ब्लेंडिंग पर लगी पूरी तरह रोक
सरकार ने सरसों के तेल में ब्लेडिंग पर रोक लगा दी है। मिलावट को देखते हुए यह कदम उठाए गए थे। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने सरसों तेल में कोई भी दूसरा तेल मिलाने से पूरी तरह रोक लगाई है। ऐसे में नियमानुसार अब शुद्ध सरसों का तेल ही मिलेगा। लेकिन, इसकी क्या गारंटी है कि आप जो सरसों का तेल खा रहे हैं वो असली है।
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