उत्तर प्रदेश

पहचान छिपाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे मुस्लिम युवक

Admin4
14 Nov 2022 12:27 PM GMT
पहचान छिपाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे मुस्लिम युवक
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मुंबई। नासिक जिले के मालेगांव में एंटी टेरोरिस्ट स्कॅाड (एटीएस) की टीम ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक संदिग्ध कार्यकर्ता को दूसरी बार गिरफ्तार किया है। मालेगांव सेशन कोर्ट ने गिरफ्तार आरोपित मौलाना इरफान दौलत नदवी को 14 दिन तक एटीएस कस्टडी में भेज दिया है। मामले की गहन छानबीन एटीएस की टीम कर रही है।
सूत्रों के अनुसार संदिग्ध मौलाना नदवी इमाम परिषद का अध्यक्ष है। इससे पहले 27 सितंबर को एटीएस ने मालेगांव में 7 संदिग्ध पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इनमें से छह आरोपित अभी भी जेल में हैं, जबकि मौलाना इरफान दौलत नदवी को जमानत मिल गई थी। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद एटीएस मौलना पर नजर रखे हुए थी, लेकिन मौलाना जमानत मिलने के बाद भी पीएफआई की गतिविधियों में शामिल हो गए थे। इसी वजह से एटीएस ने शनिवार को तड़के पूछताछ के लिए उसके आवास से इरफान को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद रविवार देर रात एटीएस ने मौलना को गिरफ्तार कर लिया और सोमवार को आज मालेगांव सेशन कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने मौलाना को 14 दिन के लिए एटीएस कस्टडी में भेज दिया। एटीएस की टीम मौलाना इरफान दौलत नदवी से गहन पूछताछ कर रही है।दरअसल, देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से एटीएस और एनआईए ने सितंबर महीने में कई राज्यों में एकसाथ छापेमारी की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था।वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुरक्षा बलों ने तीन संदिग्ध युवकों को देख उन्हें पकड़ कर पूछताछ किया। युवकों में दो मुस्लिम वर्ग से और एक हिन्दू है। सोमवार को भी युवकों से पूछताछ में पता चला कि तीनों झारखंड के एक ही गांव के निवासी है। उनके पास से कोई भी आपत्तिजनक चीज नहीं मिली है।
पुलिस के मुताबिक पकड़े गये मुक्तेश्वर सिंह, निसार अहमद (34) और मुख्तार अंसारी (39) ने बताया कि अजमेर शरीफ जाने के पहले हिन्दू मित्र के कहने पर वह यहां बाबा के धाम में दर्शन के लिए आये थे। अफसरों के अनुसार आइबी की टीम भी तीनों से पूछताछ करेगी। तीनों के घर से पुष्टि करने के साथ ही उनके दस्तावेजों और फोन सहित अलग- अलग पूछताछ कर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद संभावना है कि तीनों को छोड़ देगी। पूछताछ में सामने आया है कि ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित विवाद के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि बीते रविवार की शाम बाबा विश्वनाथ धाम में सतर्क सुरक्षा बलों की निगाह तीन संदिग्धों पर पड़ी और उन्हें रोक कर पूछताछ की गई। तीनों में दो के मुस्लिम होने की जानकारी पर सुरक्षा में लगे जवानोंं ने उनसे देर तक पूछताछ की। तीनों को चौक थाने लाकर पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने भी काफी देर तक पूछताछ जारी रखी। पूछताछ में मुक्तेश्वर ने बताया कि दोनों उसके कहने पर यहां दर्शन के लिए आये। गिरिडीह की पुलिस से वाराणसी पुलिस ने संपर्क किया तो तीनों का नाम-पता सही निकला। यह भी स्पष्ट हुआ कि तीनों की पृष्ठभूमि को लेकर किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। तीनों के परिजन किसान है।
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