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उत्तर प्रदेश
पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने अब मंडलायुक्त को लिखा पत्र, मांगे पूरे अधिकार
Admin4
16 Dec 2022 12:21 PM GMT
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में वेतन न मिलने के कारण अधिकारी और कर्मचारी सभी परेशान हैं। पहले हाईकोर्ट में शासन का आदेश खारिज होने और फिर शासनादेश आने के कारण 6 जनवरी तक कार्यकाल तय होने के बाद भी चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कुर्सी तो संभाल ली, लेकिन यह केवल एक औपचारिकता ही बनी हुई है। पालिका में न तो उनको अधिकार दिये गये हैं और न ही वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में अब उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के हवाले पर मंडलायुक्त को पत्र लिखकर विधिवत चार्ज दिलाने को कहा है।
नगरपालिका अध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने सहारनपुर मण्डल के आयुक्त लोकेश एम को आज पत्र लिखकर अपनी पीड़ा और पालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों की समस्याओं से भी अवगत कराया है। पत्र में उन्होंने कहा कि शासन ने 19 जुलाई को उनके वित्तीय अधिकार सीज किये। उन्होंने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या 24233/2022 योजित की, सुनवाई कर कोर्ट ने 02 सितंबर 2022 को दिए आदेश में शासन के आदेश निरस्त कर नये आदेश दो सप्ताह की अवधि में निर्गत करने को कहा था। इसके बाद लंबे समय तक उनको वित्तीय अधिकारों से वंचित रखा गया तथा 39 दिनों के बाद 10 अक्टूबर को उनके वित्तीय अधिकार के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकार भी छीनकर अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया।
अंजू अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यवाही के खिलाफ उन्होंने फिर उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में याचिका संख्या 32992/2022 योजित की। खण्डपीठ द्वारा सुनवाई करते हुए 24 नवंबर के द्वारा 09 पृष्ठों का विस्तृत निर्णय निर्णय देकर शासन के 10 अक्टूबर, के आदेश को खारिज कर दिया। इस आदेश के बाद उनके अध्यक्ष पद के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार एवं पदीय दायित्व स्वयं ही बहाल हो गये। कोर्ट ने शासन को यह भी आदेशित किया था कि अध्यक्ष, नगरपालिका परिषद, मुजफ्फरनगर के पदीय कार्यों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप ना किया जाये। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के 24 नवम्बर के आदेश आने के बाद उसकी कॉपी उनके द्वारा जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के साथ ही पालिका के ईओ हेमराज सिंह को प्राप्त करा दिये और अध्यक्ष पद के पदीय दायित्वों का विधिवत निर्वहन करने तथा जन समस्याओं के निस्तारण के लिए 30 नवम्बर से बैठना प्रारम्भ कर दिया। परन्तु तभी से निरन्तर ईओ पालिका कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
चेयरपर्सन ने कहा कि इसके कारण पालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, पेन्शनर्स, आउट सोर्सिंग कमियों के माह नवम्बर 2022 का वेतन भुगतान तक की कार्यवाही नहीं हो पा रही है, जिसकी कर्मचारियों द्वारा माँग की जा रही है। ऐसे में उनके द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को वेतन बिल बनाकर भुगतान स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये गये, लेकिन इसमें भी अड़चन डाली जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कारण उनका अध्यक्ष पद का चार्ज महज औपचारिकता बनकर रह गया है, हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं हो पाया है। उन्होंने मण्डलायुक्त को हाईकोर्ट द्वारा 24 नवम्बर के आदेश की प्रति भी भेजी है। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त पालिका के ईओ हेमराज सिंह को कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश जारी करें, ताकि पालिका के अफसरों व कर्मचारियों का मासिक वेतन जारी कराया जा सके।
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