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नगर निगम अफसरों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर पहुंचाया राजस्व का नुकसान
लखनऊ न्यूज़: नगर निगम के अफसरों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर 18 लाख रुपए के स्टांप शुल्क की चोरी की है. पार्किंग सहित विभिन्न ठेकों के लिए मात्र 100 के स्टांप पेपर पर अनुबंध किया. इस वजह से स्टांप शुल्क का नुकसान हुआ.
केवल एक वर्ष के ऑडिट में इतना मामला पकड़ा गया है. मामले में अब नगर निगम ने डीएम को पत्र भेजा है. संबंधित ठेकेदारों पर स्टांप बाद दायर कर वसूली करने के लिए कहा है.
नगर निगम में ठेकेदारों को अनुबंध के समय स्टांप पेपर देना होता है. शासनादेश के मुताबिक ठेकेदारों को 80 रुपए प्रति हजार की दर से स्टांप पेपर देना होता है. इतना स्टांप देने पर ही अनुबंध किया जा सकता है. मगर नगर निगम के अफसरों ने सिर्फ 100 रुपए के स्टांप पेपर पर ठेकेदारों के साथ अनुबंध कर लिया. इससे ठेकेदारों का लाखों बच गया और सरकार को भारी आर्थिक क्षति हुई. मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रकरण ऑडिट में गया.
स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने जांच की तो पता चला कि इसमें काफी अनियमितता की गई. भारतीय स्टांप एक्ट अधिनियम की अनुसूची एक बी के अनुच्छेद 35 बी में प्रावधान किया गया है कि ठेके के अनुबंध निष्पादित करने के लिए 80 रुपए प्रति हजार की दर से स्टांप शुल्क देना होगा, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने केवल 100 के स्टांप पेपर पर पार्किंग सहित करोड़ों के अन्य ठेके दे दिए गए. केवल वर्ष 2010-11 में ही 18 लाख रुपए की स्टांप की चोरी की गई.