उत्तर प्रदेश

आरक्षण के पेंच में फंसा नगर निकाय चुनाव

Shantanu Roy
13 Dec 2022 10:57 AM GMT
आरक्षण के पेंच में फंसा नगर निकाय चुनाव
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बड़ी खबर
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने को राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना (notification) जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी. पीठ ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि वह पांच दिसंबर की अधिसूचना द्वारा जारी मसौदा आदेश के आधार पर मंगलवार तक अंतिम अधिसूचना जारी न करे. पीठ मंगलवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रखेगी. यह आदेश जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने वैभव पांडेय सहित अन्य याचीगण की ओर से अलग-अलग दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया.
याचिकाकर्ताओं ने पांच दिसंबर, 2022 की अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसमें राज्य ने सोमवार शाम तक आरक्षण तय करने पर आपत्ति मांगी थी. याचीगण ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है. याचीगणों की ओर से कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने इसी साल सुरेश महाजन के मामले में दिये गये निर्णय में स्पष्ट तौर पर आदेश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण जारी करने से पहले तिहरा परीक्षण किया जाएगा और यदि तिहरा परीक्षण की औपचारिकता नहीं की जा सकती है तो अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए, चुनाव कराए जाएंगे.
सरकार ने कहा- इससे चुनाव कराने में देरी होगी
आरोप लगाया गया कि शीर्ष अदालत के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने बिना तिहरा परीक्षण (ट्रिपल टेस्ट) के पांच दिसंबर, 2022 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन (मसौदा अधिसूचना) जारी किया जिसमें ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को भी शामिल किया गया. याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि इससे चुनाव कराने में देरी होगी. यह भी दलील दी गई कि पांच दिसंबर की अधिसूचना का एक मसौदा अधिसूचना है, याची या जो भी व्यक्ति इससे असंतुष्ट हैं, वे आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं.
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