उत्तर प्रदेश

नगर निगम का भ्रष्टाचार विधानसभा में गूंजा

Admin Delhi 1
2 March 2023 11:22 AM GMT
नगर निगम का भ्रष्टाचार विधानसभा में गूंजा
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मेरठ: आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी नगर निगम का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंज गया। 15 मिनट तक सपा विधायक अतुल प्रधान कटौती बजट के दौरान विधानसभा में खूब बोले। नगर निगम के भ्रष्टाचार को सपा विधायक ने निशाने पर लेते हुए खूब ललकारा। सपा विधायक ने नगर निगम के भ्रष्टाचार के मामलों को निशाने पर लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग कर डाली।

कहा कि कमीशन नहीं दिया तो ठेकेदार दीपेश का भुगतान एक वर्ष से रोके रखा। इस तरह से नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते ठेकेदार ने आत्महत्या कर ली। दीपेश की मौत के लिए नगर निगम के अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। दीपेश के आत्महत्या करने के मामले की जांच होनी चाहिए। उसके मोबाइल में पूरा डाटा मौजूद हैं, किससे दीपेश ने मरने से पहले बात की तथा नगर निगम के कौन अफसर उससे बात करते थे।

मोबाइल में रिकॉर्डिंग भी मौजूद हैं, जिसमें अधिकारियों से बातचीत भी हुई, इसमें निश्चित रूप से नगर निगम के अफसरों की गर्दन फंस सकती हैं। अब नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा सपा विधायक अतुल प्रधान ने विधानसभा में उठा दिया हैं। सपा विधायक ने साफ कहा कि ठेकेदार से निगम अफसरों के द्वारा कमीशन मांगा जा रहा था, जिसके बाद ही दीपेश परेशान और डिप्रेशन में पहुंच गया था। क्योंकि दीपेश लोगों का कर्जदार हो गया था।

लोगों से रुपये उठाने के बाद ही नगर निगम में कई करोड़ के कार्य कराये थे। 15 अगस्त को पांच लाख के तिरंगे खरीदकर नगर निगम को उपलब्घ कराये गए थे, लेकिन इसको भी निगम अफसर अब स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसका डाटा भी मोबाइल में मौजूद हैं। यही नहीं, शास्त्रीनगर नई सड़क पर जो जमीन खाली कराई गयी, उसकी टीन शेड से चार दीवारी कराई, इसमें भी दीपेश का धन खर्च हुआ था।

ये तमाम बिन्दु ऐसे हैं, जिसमें नगर निगम के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सपा विधायक ने तो नगरायुक्त अमित पाल शर्मा को भी कठघरे में यह कहकर खड़ा करने की कोशिश की है कि नगर निगम में नगरायुक्त ही जिम्मेदार अफसर हैं तथा इसके बावजूद भ्रष्टाचार कैसे हो रहा हैं? कमीशनखोरी कैसे हो रही हैं? इसमें आला अफसर भी लिप्त हैं, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की मांग नगर विकास मंत्री से की गई। सपा विधायक ने कहा कि ठेकेदार दीपेश ने आत्महत्या क्यों की, इसके पीछे भी नगर निगम का भ्रष्ट तंत्र हैं। उन्होंने नगरायुक्त का नाम लेते हुए कहा कि नगर निगम ठेकादार कमीशन नहीं दे रहे थे,

जिसके चलते भुगतान रोक दिया गया। इसके बाद ही ठेकेदार का भुगतान नहीं किया गया। ठेकेदार ने भुगतान नहीं करने पर फांसी लगा ली। जांच कराये तथा वास्तविकता सामने आ जाएगी। दो लोगों ने फांसी लगाई हैं। इनके परिवार परेशानी में हैं, दिक्कत में हैं। ये परिवार परेशान हुए, तब आत्महत्या जैसा कदम उठाया गया।

हाउस टैक्स में भ्रष्टाचार: नगर निगम में गृहकर के नाम पर किसी तरह से लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। ये मुद्दा भी सपा विधायक अतुल प्रधान ने विधानसभा में उठा दिया। गृहकर में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हैं। पहले ज्यादा टैक्स लगा दिया जाता हैं, फिर उसे कम करने के नाम पर बड़ी वसूली की जाती हैं। इस तरह से व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार पनप रहा हैं। इसमें जो दोषी अधिकारी और कर्मचारी हैं, उनकी जांच कराई जाए तथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

करोड़ों की जमीन पर भू-माफिया काबिज: महानगर में करोड़ों की जमीन पर भू-माफिया काबिज हैं। नगर निगम इन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं, जिसके चलते भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया हैं। ऐसे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की मांग सपा विधायक अतुल प्रधान ने की हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम अपनी जमीन का शहर में सर्वे कराये, जिसके बाद ये साफ हो जाएगा कि नगर निगम की कितनी जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जे जमा रखे हैं, उन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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