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नगर निगम ने लगाई रिपोर्ट, कहा जमीन उनके स्वामित्व में नहीं
मेरठ: नंगला बट्टू स्थित यादगारपुर में सरकारी जमीन को लेकर अब नगर निगम ने भी ये कहते हुए हाथ खड़े कर दिये हैं कि ये जमीन निगम की नहीं हैं। जमीन प्रशासन की हैं, जिसमें प्रशासन ही कार्रवाई कर सकता हैं। करोड़ों की जमीन को लेकर आखिर नगर निगम के अधिकारी क्यों हाथ खड़े कर रहे हैं? अब निगम के अफसरों ने एसडीएम को पत्र लिखा हैं, जिसमें कहा है कि प्रशासन इसमें विधिक राय लेकर कार्रवाई करें, तभी करोड़ों की सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने की दिशा में काम किया जा सकता हैं।
नंगला बट्टू यादगारपुर में खसरा संख्या 109/1व 109/2 की जो जमीन है, उस पर अवैध कब्जा हैं। ये जमीन सरकारी दस्तावेज में जेड-ए आबादी के खाते में अंकित है। इस जमीन पर कुछ लोग का कब्जा हैं। सहायक नगर आयुक्त ने इसकी जांच करने के बाद कहा है कि एसडीएम एवं जिला शासकीय अधिवक्ता की विधिक राय के अनुसार नगला बट्टू यादगारपुर के खसरा संख्या 109 पर अवैध कब्जेदारों की नियमानुसार बेदखली की कार्रवाई करने के लिए धारा 4 पीपी एक्ट के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि राजस्व अभिलेखों में इस जमीन का स्वामित्व नगर निगम के रूप में दर्ज नहीं है। इसलिए प्रशासनिक स्तर पर इसमें कार्रवाई हो सकती है। नगर निगम ने अपनी बला अब प्रशासन के पाले में डाल दी हैं। अब प्रशासन इस जमीन को खाली कराए या फिर नहीं? कार्रवाई प्रशासन ही करेगा। क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है कि प्रशासनिक स्तर पर इसमें कार्रवाई हो सकती है।
क्योंकि नगर निगम का इस जमीन के स्वामित्व के रूप में दर्ज नहीं है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन को ही इसमें कोई कार्रवाई करनी होगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि करोड़ों की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए हैं। पहले तो इस जमीन को नगर निगम की बताया जा रहा था, लेकिन अब नगर निगम इस जमीन को प्रशासन की बता रहा है। जमीन किसी की भी हो, लेकिन इस अवैध कब्जे को हटाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिसके चलते कब्जेदार बेफिक्र हैं और निर्माण कर रहे हैं।