उत्तर प्रदेश

नगर निगम अवैध पार्किंग में तब्दील, निगम कार्यालय या सड़क पर खडे कर दिये जाते हैं वाहन

Admin Delhi 1
14 Feb 2023 11:56 AM GMT
नगर निगम अवैध पार्किंग में तब्दील, निगम कार्यालय या सड़क पर खडे कर दिये जाते हैं वाहन
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मेरठ: नगर निगम कार्यालय के निकट घंटाघर पर टाउन हाल रोड पार्किंग स्थल बना है, लेकिन अधिकतर लोग या तो अपने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं या फिर नगर निगम कार्यालय परिसर के अंदर खड़ा कर देते हैं। वहीं, सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के वाहन खड़ा करने तक की जगह नगर निगम कार्यालय परिसर में नहीं बचती है।

वहीं, निगम में किसी न किसी काम से आने वाले लोगों के साथ कुछ स्थानीय लोग अपनें घरों की जगह निगम कार्यालय परिसर में ही वाहन खड़ा कर देते हैं। जिस कारण निगम कार्यालय अवैध पार्किंग स्थल बन गया है और पास में निगम के द्वारा टाउन हाल में छोडा गया पार्किंग स्थल बिना वाहनों के वीरान पड़ा है।

महानगर में जहां एक तरफ सड़क किनारे वाहनों की अवैध पार्किंग स्थानीय लोगों के साथ मार्ग से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों के लिये परेशानी का सबब बन जाती हैं। वहीं, इसके चलते सड़कों पर जाम की समस्या भी खड़ी हो जाती है। नगर निगम में प्रतिदिन लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। इसमें अधिकारी एवं कर्मचारी भी वाहनों द्वारा कार्यालय आते हैं। नगर निगम में वाहन पार्किंग के लिये कोई स्थाई जगह नहीं हैं।

जिसके लिये निगम के द्वारा घंटाघर के निकट टाउन हाल पार्किंग स्थल बनाया गया हैं। जिसका नगर निगम की तरफ से ठेका भी छोडा गया है, लेकिन यातायात पुलिस की कुछ ढिलाई के चलते कुछ लोग वाहनों को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं। वहीं, कुछ लोग सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के वाहनों के साथ ही अपने निजी वाहनों को भी नगर निगम कार्यालय परिसर में खड़ा कर देते हैं।

जिसके चलते निगम के कई कार्यालय के मुख्य गेट तक बंद हो जाते हैं और कार्यालय के अंदर जाना तक दूभर हो जाता है। सोमवार को भी नगर निगम में अवैध पार्किंग के चलते कई अधिकारियों को अपने वाहन कार्यालय से बाहर सड़क तक लाने के लिये परेशानी उठाते दिखे। वहीं, टाउन हाल पार्किंग के ठेकेदार का कहना है कि उनके पार्किंग स्थल में वाहनों के नहीं आने से उसे घाटा उठाना पड़ रहा है।

ठेकेदार के रूप में टाउन हाल पार्किंग करा रहे चौधरी सरवत ने बताया कि उनके द्वारा करीब 36 लाख रुपये में पार्किंग का ठेका लिया था, जिसमें पहले कोरोना महामारी तो अब यातायात पुलिस की ढिलाई के चलते अधिकतर वाहन चालक पार्किंग स्थल पर वाहन नहीं खड़ा करते हैं। जिसमें कुछ वाहन खड़ा करते हैं, वह वह टाउन हाल के अंदर पार्क या पुस्तकालय में घूमने आने की बात कहकर बिना पार्किंग शुल्क के ही चले जाते हैं।

जिसमें सरवर ने बताया कि पार्किंग स्थल पर चार कर्मचारी लगे हैं और जिसके चलते ठेके की रकम भी प्राप्त नहीं हो पा रही है। मार्च में ठेका खत्म हो जायेगा और करीब 10 से 12 लाख रुपये का घाटा इस पार्किंग शुल्क के रूप में होगा। यदि लोग पार्किंग स्थल पर वाहन खड़ा करेंगे तो उनके वाहन सुरक्षित होंगे और सड़क व नगर निगम कार्यालय में भी अवैध पार्किंग से निजात मिल सकेगी।

यदि यातायात पुलिस सड़क या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अवैध पार्किंग सतर्क से रोके तो जहां एक तरफ महानगर में लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर स्थानीय लोगों व सरकारी कार्यालय में अवैध पार्किंग स्थल बनने से रोके जा सकते हैं।

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