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टाउन हाल में मल्टीलेवल पार्किंग बनी सिर्फ एक सपना, मल्टीलेवल पार्किंग योजना भी धड़ाम
मेरठ: पिछले एक दशक से शहर में मल्टीलेवल पार्किंग को लेकर योजनाएं बन रही है। मेरठ विकास प्राधिकरण ने 80 करोड़ मल्टीलेवल पार्किंग पर खर्च करने भी जा रहा था, जिसकी स्वीकृति भी मिल गई थी, लेकिन मेरठ विकास प्राधिकरण घंटाघर स्थित टाउन हॉल में मल्टीलेवल पार्किंग बना रहे थे, जिसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट की फटकार के बाद टाउन हॉल में पार्किंग मल्टीलेवल तो नहीं बनी, लेकिन अस्थाई पार्किंग जरूर शुरू हुई है। हालांकि जो प्राचीन बिल्डिंग है, उसको तोड़ा जा रहा था, उसी को लेकर आपत्ति हुई थी। तब से टाउन हाल में मल्टीलेवल पार्किंग सिर्फ एक सपना रह गई हैं। वर्तमान में मल्टीलेवल पार्किंग एक तरह से योजना धड़ाम हो गई है। इस योजना के लिए जो धनराशि स्वीकृति मेरठ विकास प्राधिकरण ने की थी उस धनराशि को अन्य योजना पर खर्च कर दिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक दशक से तमाम सरकारी विभाग मल्टीलेवल पार्किंग का स्थान ही नहीं खोज पाए। बना देना तो दूर की बात है। मल्टीलेवल पार्किंग कि शहर में मांग है, लेकिन इस मांग को मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम पूरा नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, मल्टीलेवल पार्किंग जहां नगर स्थित टाउन हॉल में प्लान की गई थी, इसके अलावा मेरठ विकास प्राधिकरण के आॅफिस में भी प्लान हुई थी। इसके बाद कचहरी स्थित प्रांगण में भी मल्टीलेवल पार्किंग का प्लान तैयार किया गया था। जीआईसी के ग्राउंड में बेसमेंट बनाकर पार्किंग की व्यवस्था को लेकर भी प्लान बना था, लेकिन ये तमाम प्लान धड़ाम हो गए हैं। अब कहीं भी मल्टीलेवल पार्किंग को लेकर गंभीरता से विचार नहीं हो रहा है। वर्तमान में शहर में एक भी मल्टीलेवल पार्किंग नहीं है, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजार में आने वाले वाहनों को सड़क के किनारों पर पार्क कर दिया जाता है, जिससे हर रोज जनता जाम से जूझती रहती है। फिर रही सही कसर पूरी कर देते हैं, वेंडर जो सड़कों पर सब्जी के ठेले लगाए रहते हैं, जिसके चलते सड़क भी संकरी हो गई है। मल्टीलेवल पार्किंग तो छोड़िए वैसे भी मेरठ विकास प्राधिकरण आॅफिस के सामने भी सड़क पर पार्किंग वाहनों की कर दी जाती है। यहां भी पार्किंग की जगह नहीं हैं। एमडीए आफिस के बेसमेंट में पार्किंग बनाई गयी हैं, लेकिन उसमें वाहन पार्क नहीं किये जाते। पार्किंग सही नहीं बनी हैं। उसकी गेट एंट्री अच्छी नहीं हैं। गेट एंट्री चौड़ी होनी चाहिए, जो कम हैं। इसी वजह से वाहनों की पार्किंग में दिक्कत आती हैं, जिसके चलते एमडीए ने जनता के लिए वाहनों की पार्किंग के लिए इसे नहीं खोला हैं। इसके साथ एसएसपी आॅफिस के ठीक सामने सड़क चौड़ीकरण जब से हुई है,
तब से उस पर भी सड़क के किनारे वाहनों की पार्किंग कर दी जाती है। कमिश्नरी चौराहा आप देखिए, इसके चारों तरफ कार पार्किंग ही नजर आती हैं। कार पार्किंग की इतनी बड़ी समस्या शहर में खड़ी हो गई है, जिसको लेकर आला अधिकारी गंभीर नहीं है। यदि गंभीर होते तो एक दशक के भीतर मल्टीलेवल पार्किंग शहर में बनकर तैयार हो गई होती।
मल्टीलेवल पार्किंग की शहर को आवश्यकता हैंं। इसके लिए उन्होंने विधानसभा में सवाल भी उठाया हैं। कचहरी स्थित पुलिस चौकी के पीछे जर्जर बिल्डिंग हैं, उसको तोड़कर मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग की मांग उन्होंने की हैं।
उम्मीद है जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी इस मांग पर ध्यान देंगे। सरकारी विभागों के अधिकारी भी इस समस्या को गंभीरता से लेंगे। -अमित अग्रवाल, भाजपा कैंट विधायक